Jharkhand Political Crisis: झारखंड में पल-पल सियासत बदल रही है. जेएमएम नेता हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उनके गठबंधन के साथी अब सरकार बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं. गुरुवार को विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. हालांकि राज्यपाल की ओर से हो रही देरी पर जेएमएम गठबंधन सवाल उठा रहा है. उनका कहना है कि बिहार में राज्यपाल ने तुरंत सरकार बनाने और शपथ ग्रहण का समय दे दिया था.


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लेकिन झारखंड में इसमें न जाने क्यों देरी हो रही है. गवर्नर से मुलाकात के बाद चंपई सोरेन ने कहा, 'हमने कल नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था. हमने राज्यपाल से कहा कि हम इस विषय पर क्लियर हैं. हमने उनसे इसे जल्दी करने का अनुरोध किया है. उन्होंने भी कहा है कि वो जल्द ही करेंगे. फिलहाल उन्होंने शपथ ग्रहण का समय नहीं दिया है.'


'राज्य में नहीं कोई कार्यकारी प्रमुख'


राज्यपाल से मुलाकात के बाद झारखंड में सत्ताधारी पार्टी के विधायक टूट के डर से हैदराबाद ले जाए जा रहे थे. हालांकि उनको ले जाने वाली फ्लाइट रद्द हो गई. इससे पहले सरकारी गेस्ट हाउस में चंपई सोरेन ने विधायकों की गिनती कराते हुए शक्ति प्रदर्शन किया. झारखंड की राजनीतिक स्थिति पर JMM सांसद सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, 'राज्य में इस वक्त कोई भी कार्यकारी प्रमुख नहीं है. जब कोई नहीं है तो ऐसा क्यों है. इसके पीछे मंशा क्या है. आज हमने राज्यपाल से मुलाकात की. हमें उम्मीद है कि वह शुक्रवार को हमें सरकार बनाने का न्योता देंगे. हमारे पास 43 विधायक हैं. बजट सत्र 9 फरवरी से शुरू होना है और उस बजट सत्र की रजामंदी राज्यपाल ने ही दी है. उसके बाद नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसलिए अब यह जरूरी है कि सरकार का गठन हो.'


जब भट्टाचार्य से पूछा गया कि अगर शुक्रवार को भी राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया तब क्या होगा? जवाब में उन्होंने कहा, 'पूरी उम्मीद है कि वो बुलाएंगे. क्यों नहीं बुलाएंगे. क्यों नहीं बुलाएंगे इसका जवाब क्या है. कल तक सरकार बन जाएगी....जुल्मी कब तक ज़ुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से अब जर्रा-जर्रा गूंज रहा है परिवर्तन के नारों से'...हम जेल से नहीं डरते हैं.'


वहीं झारखंड के कांग्रेस अध्यक्ष झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, 'हमारे पास नंबर पूरे हैं, हम समझते हैं कि जितनी संख्या होनी चाहिए उससे बहुत ज्यादा है भरोसा. बीजेपी,केंद्र सरकार और उनके गुलाम एजेंसियों का नहीं है. कब क्या करेगी किसी को नहीं पता होता. देश के गैर भाजपा शासित राज्य में सारी ईडी की कार्रवाई होती है.'


जेएमएम गठबंधन ने तैयार किया 'प्लान बी'


राज्यपाल कब न्योता देंगे, इसका पता जल्द ही चल जाएगा. लेकिन उससे पहले जेएमएम गठबंधन ने आगे का प्लान तैयार कर लिया है. कहीं विधायक टूटकर बीजेपी के पाले में ना चले जाएं इसे देखते हुए सत्ताधारी गठबंधन अपने विधायकों को  रांची से हैदराबाद ले जा रहा था,  ताकि हॉर्स ट्रेडिंग की कोई संभावना ही ना बचे. लेकिन मौसम खराब होने के कारण उनकी फ्लाइट रद्द कर दी गई.  81 सदस्यों वाली विधानसभा में जेएमएम गठबंधन के 48 विधायक हैं, जबकी बीजेपी गठबंधन के 32. सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 41 है. यानी जेएमएम गठबंधन के पास बहुमत से 8 विधायक ज्यादा हैं. जबकि बीजेपी गठबंधन के पास 9 कम. इसी को देखते हुए जेएमएम गठबंधन ने प्लान बी पर काम शुरू कर दिया है.