Jharkhand News: सऊदी अरब में 45 मजदूर के फंसे होने के मामले में श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग ने पल्ला झाड़ लिया है. विभाग का कहना है कि हमने अपना काम कर लिया है अब मामला विदेश मंत्रालय के हाथ में है. विभाग ने यह भी बताया कि संबंधित ठेकेदारों ने अपना फोन बंद कर दिया है जिसके बाद से आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है.


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विभाग कहा कहना है कि इन हालात में अब अब विदेश मंत्रालय ही कुछ कर सकता है. हालांकि यह भी जानकारी दी गई कि मुंबई में उक्त ठेकेदारों पर केस भी दर्ज किया गया है.


मजदूरों ने वीडियो बना लगाई मदद की गुहार
झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के इन मजदूरों ने विडियो बनाकर राज्य एवं केंद्र सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है. मजूदरों का कहना है कि कि ये पिछले 11 मई 2023 को सऊदी अरब गए थे.कमर्शियल टेक्नोलॉजी प्लस नामक कंपनी इनको सऊदी अरब लेकर गई थी.


मजूदरों का कहना है कि वह 55 हजार रुपये कमीशन देकर सऊदी अरब पहुंच थे. भारत से सऊदी अरब जाते समय हमारे साथ एग्रीमेंट किया गया था कि लाइनमैन को 1500 रियाल, ओवरटाइम का 700 रियाल मिलेंगे.


मजदूरों के मुताबिक, 'हम यहां सात महीने से काम कर रहे हैं, जिसमें से सिर्फ दो महीने का वेतन दिया गया है. हमें बकाया नहीं दिया जा रहा है. अगर हम उनसे बकाये की मांग करते हैं तो हमसे जबरदस्ती काम कराया जाता है और जेल में डालने की धमकी दी जाती है.जिसके कारण सभी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गये है.'