जिन्ना टावर का नहीं बदला गया नाम, बढ़ते विवाद के बीच लिया गया ये एक्शन
आंध्र प्रदेश के जिन्ना टावर को लेकर चल रहे विवाद के बीच उसका रंग बदल दिया गया है. जिन्ना टावर अब तिरंगे जैसा नजर आ रहा है. इसके पास राष्ट्रीय ध्वज फहराने की व्यवस्था भी की जा रही है. उधर, भाजपा ने साफ कर दिया है रंग के साथ नाम भी बदलना होगा.
गुंटूर: आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित विवादास्पद जिन्ना टावर (Jinnah Tower) को तिरंगे के रंग में रंग दिया गया है और उसके पास गुरुवार को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की व्यवस्था की जा रही है. हालांकि, भाजपा (BJP) का कहना है कि टावर का नाम बदला जाना चाहिए, क्योंकि ये पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की याद दिलाता है. गुंटूर ईस्ट के विधायक मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि विभिन्न समूहों के अनुरोध पर टावर को तिरंगे से सजाने और राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया है.
मेयर ने BJP पर लगाया आरोप
गुंटूर शहर की मेयर कावेती मनोहर (Mayor Kaveti Manohar) ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से भाजपा कार्यकर्त्ता इस टावर को लेकर बेवजह विवाद खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने इलाके के मुस्लिम बुजुर्गों से बात की है और टावर के बगल में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का फैसला लिया है. हालांकि, भाजपा ने साफ कर दिया है कि टावर का महज रंग बदलने से वो शांत होने वाली नहीं है.
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भाजपा प्रभारी ने कही ये बात
आंध्र प्रदेश भाजपा प्रभारी सुनील देवधर (Sunil Deodhar) ने ZEE Media से बातचीत में कहा कि जब तक जिन्ना टावर का नाम नहीं बदल दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा, 'ये ठीक है कि टावर को तिरंगे के रंग में रंग दिया गया है, लेकिन इसका नाम भी बदला जाना चाहिए. क्योंकि जिन्ना भारतीय आत्मा के दमन के प्रतीक थे. जिन्ना और औरंगजेब में कोई अंतर नहीं है. जिस तरह औरंगजेब रोड का नाम बदला गया, उसी तरह इस जिन्ना टावर का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम टावर होना चाहिए'.
नाम नहीं बदला, तो तेज होगा आंदोलन
भाजपा की गुंटूर इकाई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 5 फरवरी तक टावर का नाम नहीं बदला जाता, तो व्यापक स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा. गौरतलब है कि विगत 26 जनवरी को तिरंगा फहराने के लिए लोगों का एक समूह जिन्ना टावर पहुंच गया था, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था. पिछले साल दिसंबर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने गुंटूर नगर निगम आयुक्त चल्ला अनुराधा को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें जिन्ना टावर बदलकर APJ अब्दुल कलाम टावर करने की मांग की गई थी.