Hate Speech: जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी एक बार फिर से चर्चा में हैं. उन्होंने कहा है कि हिंदू धर्म अपनाने के बाद वो एकदम अकेले हो गए हैं. उनकी लड़ाई में सभी ने उनका साथ छोड़ दिया है. लेकिन वो फिर भी घर वापसी से खुश हैं. 


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कोर्ट में किया आत्मसमर्पण


हेट स्पीच मामले में आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने पर शुक्रवार को हरिद्वार की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. त्यागी ने हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत मे भेज दिया गया.


कट्टरपंथियों से जान का खतरा 


आत्मसमर्पण से पहले, धर्म परिवर्तन कर मुसलमान से हिंदू बने त्यागी ने एक बार फिर मुसलमान कट्टरपंथियों और ‘सर तन से जुदा’ गैंग से अपनी जान को खतरा बताया. इसके मद्देनजर अदालत ने जेल प्रशासन को जेल में भी उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए.


हेट स्पीच मामले में हैं दोषी


शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके त्यागी के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद मे हेट स्पीच के आरोप में हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था. उसके बाद इसी साल जनवरी मे उन्हें गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल मे थे.


जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज


19 मई को स्वास्थ्य कारणों से सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी जिसकी अवधि आज पूरी हो रही थी. उन्होंने अदालत से जमानत बढ़ाने के लिए आवेदन किया था जो खारिज हो गया.


कोर्ट ने सुरक्षा के दिए निर्देश


अदालत में समर्पण से पहले, त्यागी ने कहा कि इस्लामी कट्टरपंथी और ‘सर तन से जुदा’ गैंग उनकी हत्या करवाने की कोशिश में है. उन्होंने कहा कि जेल में भी इन ताकतों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी जो जेल में सख्ती की वजह से सफल नहीं हो पाई. कोर्ट ने त्यागी की जेल में पूरी सुरक्षा व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए. आत्मसमर्पण के समय उनके साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी तथा अन्य लोग मौजूद थे.


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