जम्मू-कश्मीर को मत बनाइए जंग का अखाड़ा, बांधिए दोस्ती के पुल : महबूबा मुफ्ती
पिछले चार दिनों से लगातार पाकिस्तान, भारतीय सेना की चौकियों को निशाना बनाने में लगी हुई है. पाकिस्तान की इस हरकत के कारण घाटी में रहने वाले लोगों का जीना दुश्वार हो गया है.
श्रीनगर : सीमा पर पाकिस्तान द्वारा लगातार सीजफायर का उल्लंघन किए जाने पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का रविवार को बयान सामने आया. रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि इस वक्त भारत-पाक सीमा पर एक तरह से खून की होली खेली जा रही है. महबूबा ने कहा कि पीएम मोदी पूरे देश में विकास की बात करते हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में हालात इसके उलट है.
महबूबा ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान से अपील करती हूं कि जम्मू-कश्मीर को जंग का अखाड़ा मत बनाइए. दोनों देशों के बीच दोस्ती का पुल बांधिए, ताकि दोनों देश के लोग अमन और चैन के साथ घाटी में रह सकें'.
पुलिस के सामने बड़ी चुनौती
महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर पुलिस में नए भर्ती हुए कॉन्स्टेबलों की पासिंग आउट परेड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी है. उन्होंने कहा, आपको कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के साथ-साथ अपने लोगों का सामना करना पड़ेगा और इससे निपटने के लिए आपको संयम रखने की आवश्यकता है.
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भारतीय सेना ने मार गिराए 10 पाक रेंजर्स
गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से पाकिस्तान की तरफ से जम्मू के सुचेतगढ़, अखनूर, रामगढ़ और राजौरी में भी गोलीबारी की जा रही थी. शनिवार को पाकिस्तान की गोलीबारी का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने उसकी 6 चौकियों को तबाह कर दिया. बीएसएफ ने भी जवाबी कार्रवाई में 10 पाक रेंजर्स को ढेर कर दिया. वहीं, पुंछ जिले में एलओसी पर कृष्णा घाटी सेक्टर में भी पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग की गई. पाकिस्तानी चौकियों से की गई इस फायरिंग में भारतीय सेना के जवान मनदीप सिंह (23) शहीद हो गए.
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अगले तीन दिनों के लिए शैक्षणिक संस्थान बंद
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी रेंजरों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अरनिया, रामगढ़, सांबा और हीरानगर सेक्टर में सुबह पांच बजे तक गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि सीमा से लगे इलाकों में रहने वाले 8,000-9,000 लोग सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं और उनमें से ज्यादातर लोग अपने रिश्तेदारों के यहां रह रोहे हैं. वहीं 1,000 से ज्यादा लोग आर एस पुरा, सांबा और कठुआ क्षेत्रों में बने शिविरों में रह रहे हैं. उन्होने बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़े तनाव को देखते हुए अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और जम्मू में नियंत्रण रेखा से हुए लगे हुए इलाकों में अगले तीन दिनों के लिए शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया है.