श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की दो राजधानियों श्रीनगर और जम्मू के बीच शासन को छह महीने के आधार पर स्थानांतरित करने और दरबार मूव (Darbar Move) कहे जाने की 149 साल पुरानी आधिकारिक परंपरा को अलविदा कहते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने कर्मचारियों को दिए गए आवास के आदेश को बुधवार को रद्द (J&K's Darbar Move Ends After 149 Years) कर दिया.


'दरबार मूव' की जरूरत क्यों नहीं?


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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने 20 जून को कहा था कि प्रशासन ने ई-ऑफिस में संक्रमण पूरा कर लिया है, इसलिए सरकारी दफ्तरों के द्विवार्षिक दरबार मूव (Darbar Move) की परंपरा को जारी रखने की कोई जरूरत नहीं है.


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अधिकारियों को 3 हफ्ते में खाली करने होंगे आवास


जम्मू और श्रीनगर (Jammu And Kashmir) की दो राजधानियों में 'दरबार मूव' आवास आवंटित किए गए थे, सभी अधिकारियों को तीन सप्ताह के भीतर इसे खाली करने के लिए कहा गया है. 


फैसले से हर साल होगी 200 करोड़ की बचत


बता दें कि 'दरबार मूव' को खत्म करने के फैसले से हर साल 200 करोड़ रुपये की बचत होगी. इस फैसले के बाद, सरकारी दफ्तर अब जम्मू और श्रीनगर दोनों जगहों पर सामान्य रूप से काम करेंगे.


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दरबार मूव के बाद स्थानांतरित होते थे दफ्तर


राजभवन, सिविल सचिवालय, सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों के दफ्तर पहले दरबार मूव के बाद जम्मू और श्रीनगर के बीच स्थानांतरित होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. दोनों जगह सामान्य रूप से काम होगा.


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