नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि सरकारी नौकरियों में प्रदर्शन चाहे कैसा भी हो लेकिन नौकरी का सुरक्षित रहना, इसके आकर्षण की मुख्य वजह है. केंद्रीय मंत्री का कहना है कि इस तरह की नौकरियों में बड़ी संख्या में आवेदकों को देखकर यह नहीं समझा जाना चाहिए कि देश में रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध नहीं है. 


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पीयूष गोयल और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सीआईआई के नौकरी एवं आजीविका कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल में काफी नौकरियां प्रदान की हैं . हालांकि आंकड़ों का संकलन करने वाले स्रोत इसे पकड़ने में असमर्थ रहे. जावड़ेकर ने कहा कि वैसे लोग जो अपनी पसंद के कारण नौकरी नहीं करना चाहते हैं, उन्हें ‘बेरोजगार’ नहीं कहा जा सकता. 


'लोगों में सरकारी नौकरियों के प्रति ज्यादा आकर्षण' 
रेल मंत्री ने रेलवे में कुछ पदों के लिए 1.5 करोड़ लोगों के आवेदन का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के आंकड़ों का इस्तेमाल देश में बेरोजगारी के दर को दिखाने के लिए किया जाता है.  गोयल ने कहा, 'भारत में पारंपरिक रूप से लोगों में सरकारी नौकरियों के प्रति ज्यादा आकर्षण है. लोग सोचते हैं कि अगर उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाए तो उन्हें पूरी जिंदगी चिंता करने की जरूरत नहीं है. वह स्थायी हैं. और अगर वह गलत व्यवहार करते हैं या अपने काम में अच्छे भी नहीं पाए जाते तो भी कोई बात नहीं क्योंकि यूनियन यह सब देख लेंगे. यह वास्तविकता है.' 


मंत्री ने कहा कि नौकरियों के वैकल्पिक अवसर बढ़े हैं और नए सेक्टर स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं. ये आंकड़े श्रम आंकड़े में दर्ज नहीं हो रहे हैं. गोयल ने कहा कि सरकारी प्रणाली के उन्नयन और बदलाव की जरूरत है. 


जावड़ेकर ने कहा कि प्रामाणिक आकंड़ों को जमा किए जाने की जरूरत थी. मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि लोगों में ‘सरकारी नौकरियों के आकर्षण’ को समझने की जरूरत है. 


(इनपुट - भाषा)