Joshimath Crisis: जोशीमठ संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. स्थानीय कार्यकर्ताओं के अनुसार आगामी चार धाम यात्रा की तैयारियों के बीच धंसाव प्रभावित जोशीमठ और बद्रीनाथ में नरसिंह मंदिर को जोड़ने वाली सड़क पर ताजा दरारें दिखाई देने लगी हैं. ये सड़कमार्ग हिमालय मंदिर की ओर जाने वाले बद्रीनाथ राजमार्ग का बायपास है. इसका उपयोग तीर्थयात्रियों को जोशीमठ से बद्रीनाथ तक यात्रा के मौसम में ले जाने के लिए किया जाता है.


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जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति (जेबीएसएस) के प्रवक्ता कमल रतूड़ी ने सोमवार को बताया, "पिछले तीन दिनों में सड़क पर नई दरारें दिखाई दी हैं." लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड सड़क के रखरखाव की देखरेख करता है.



जोशीमठ और मारवाड़ी के बीच राजमार्ग पर भी कुछ दरारें दिखाई दी हैं, जो बद्रीनाथ से लौटने वाले तीर्थयात्रियों के लिए उपयोग किया जाता है और जोशीमठ में मुख्य बाजार से गुजरता है. राजमार्ग का रखरखाव का जिम्मा उठाने वाला सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) इसकी मरम्मत कर रहा है. जेबीएसएस के प्रवक्ता ने कहा कि बद्रीनाथ की तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जोशीमठ के प्रवेश बिंदु से औली के रास्ते में गैस गोदाम तक सड़क को जल्द से जल्द ठीक करने की जरूरत है.


27 अप्रैल से शुरू होने वाली बद्रीनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर सड़कों पर दरारें स्थानीय लोगों के बीच चिंता पैदा कर रही हैं. उत्तराखंड सरकार द्वारा शीतकालीन अवकाश के बाद चार धाम सर्किट पर चार हिमालयी मंदिरों को फिर से खोलने की तारीखों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है.


केदारनाथ पोर्टल 25 अप्रैल को खुलता है जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री पोर्टल 22 अप्रैल को खुलते हैं. यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 21 फरवरी से शुरू होगा. उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केंद्र से दिशा-निर्देश मिलने के बाद यात्रा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी करने की तैयारी की जा रही है.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)