नई दिल्ली: देश पीएम मोदी के हाथों में सुरक्षित है. भारत-चीन सीमा विवाद (India-China face off) पर भारत सरकार की नजर है. भारत का स्वाभिमान अटूट रहेगा. देश की आन-बान-शान के लिए कुछ भी करेंगे. ये बातें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने ZEE NEWS के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान कहीं. नड्डा ने इस दौरान कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपनाई जा रही रणनीति, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव, और भारत-चीन सीमा विवाद पर अपनी बात रखी. प्रस्तुत हैं इंटरव्यू के प्रमुख अंश:


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सवाल: भारत में कोरोना संकट के प्रबंधन को लेकर अभी तक जो भी हुआ है, उससे कितने आप संतुष्ट है?
जवाब: मैं भारत का स्वास्थ्य मंत्री रह चुका हूं. मैंने इबोला से लेकर सार्स, जीका वायरस से लड़ाई देखी है. लेकिन कोरोना का संकट अकल्पनीय है. हालांकि, पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ने की जो रणनीति बनाई गई, वह पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है. हमारे देश की आबादी को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने सही समय पर लॉकडाउन का साहसिक निर्णय लिया. उसी फैसले के कारण, हमारे यहां कोरोना से होने वाली मौत कम हैं. पीएम मोदी ने कोरोना संकट से देश को बचाया है. 


एक व्यापक सोच के साथ पीएम मोदी ने इस संकट से मोर्चा लिया है. फिर चाहे बात चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने की हो या फिर सभी वर्गों को राहत देने के लिए आर्थिक पैकेज की. सभी पहलुओं को ध्यान में रखा. मेरे ख्याल से पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने के लिए जो रणनीति बनाई गई, वह अनुकरणीय है. अब नतीजे भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं.


सवाल: लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याएं चर्चा में रहीं? क्या आपको लगता है कि आगामी चुनाव में इससे पार्टी की मुश्किल बढ़ेगी?
जवाब: 
मार्च में जब से कोरोना का संकट बढ़ा, रोज नई-नई चुनौतियां सामने आईं. उन्हीं के अनुरूप नियम बनाने पड़े. चूंकि यह संकट अभूतपूर्व था. कोरोना के केस 3 दिन में डबल हो रहे थे, तो उसे रोकना जरूरी था. संकट अकल्पनीय था. मजदूर विवश्ता के चलते अपने-अपने घर की ओर चल पड़े. सरकार ने हर संभव उनकी मदद करने की कोशिशि की. लेकिन मजदूरों की संख्या कितनी रही होगी, इसका अंदाजा लगाना तो मुश्किल था. यह भी एक समस्या थी कि जब वो अपने घर जाएंगे, तो उन्हें क्वारंटीन करना होगा. हर राज्य की अपनी समस्या थी. निश्चित रूप से मजदूरों को समस्या हुई. पार्टी स्तर पर भी बीजेपी के सभी प्रदेश के कार्यकर्ताओं ने मजदूरों की मदद करने का भरसक प्रयास किया. 



सवाल: विपक्ष ने मजदूरों को लेकर राजनीति की. कांग्रेस की ओर से मजदूरों का किराया देने की बात कही गई. इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: देखिए, जहां तक सोनिया गांधी और राहुल गांधी का सवाल है तो मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने इस संकट काल में सिवाय राजनीति के कुछ नहीं किया. पहले उन्होंने लॉकडाउन को लगाने पर सवाल उठाए, जब लॉकडाउन उठाया जाने लगा तो सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी जल्दी क्यों? कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री किसी भी हालत में लॉकडाउन को हटाना नहीं चाहते थे. गांधी परिवार ने मजदूरों पर सियासत की और पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार प्रदर्शित किया. गांधी परिवार ने मजदूरों का मजाक उड़ाया. 


सवाल: अब बिहार में चुनाव होने वाले हैं. प्रवासी मजदूरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए बिहार चुनाव की चुनौती आपको कितनी बड़ी लगती है?
जवाब: राजनीति में हर परिस्थिति में चुनौती होती है. बिहार में नीतीश कुमार ने कोरोना काल में बेहतर काम किया है. हमने भी अपने कार्यकर्ताओं को बिहार के मजदूरों की समस्याओं को हल करने के लिए लगाया. मुझे लगता है कि नीतीश कुमार की व्यवस्थाओं के प्रति लोग सजग होकर अच्छे नतीजे देंगे. बिहार चुनाव में अच्छी सीटें लेंगे और ज्यादा सीटें जीतेंगे. 



सवाल: अमित शाह ने पार्टी को अभूतपूर्व सफलता दिलाई. बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर आपकी नई चुनौतियां क्या है? 
जवाब: 
अमित जी निश्चित रूप से बहुत अच्छा काम किया. मैं अमित जी से अलग नहीं हूं. मैं अकेला नहीं, बीजेपी एक टीम है. मेरे अंदर 'मैं' की भावना नहीं. टीम ने हमेशा बेहतर नतीजे दिए हैं. मुझे पीएम मोदी, अमित शाह, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी का सानिध्य मिलता है. हमारी टीम में हर खिलाड़ी की अपनी भूमिका होती है. कैप्टन बनने से बैटिंग ऑर्डर नहीं बदलता है. पार्टी में हर व्यक्ति की अपनी भूमिका होती है. 



सवाल: अलग-अलग अनुमानों में यह बात सामने आ रही है कि जीडीपी का ग्रोथ रेट माइनस में जा सकता है. अर्थव्यवस्था को लेकर आपका क्या कहना है?
जवाब:
 पीएम मोदी ने हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ (CIC) के 125 साल पूरे होने पर अपने संबोधन में देश के आर्थिक जगत से जुड़े लोगों, उद्योगपतियों, आम जनता को विश्वास दिलाया है कि देश एक बार फिर से विकास के रास्ते पर दौड़ेगा. प्रेरणा का अहम स्रोत पीएम मोदी का प्रेरणादायी नेतृत्व रहेगा. देश हमारे साथ खड़ा होगा. पार्टी लोगों के साथ खड़ी है. 


सवाल: चीन की जीडीपी भारत से बड़ी है. चीन के मुकाबले भारत का प्रदर्शन बेहतर नहीं है. इस पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: यह तुलना गलत है. चीन एक कम्युनिस्ट देश है. वह अपनी जानकारी सार्वजनिक नहीं करता. हम उनकी बातों को मान सकते हैं लेकिन उससे तुलना नहीं कर सकते. दोनों ही अलग देश हैं. सही मायनों में चीन के आंकड़ों की गारंटी तो दुनिया नहीं ले सकती, भारत क्या लेगा?


सवाल: चीन चर्चा में बना हुआ है. चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन ले ली है, ऐसा कहा जा रहा है. कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. भारत को चीन को कितनी सख्ती से जवाब देना चाहिए? 
जवाब: पीएम मोदी के नेतृत्व में देश सुरक्षित है. भारत का स्वाभिमान अटूट रहेगा. भारत-चीन सीमा विवाद पर भारत सरकार की संजीदगी से नजर है. रक्षा मंत्री की पीएम मोदी की बैठक हुई है. रक्षा मंत्री की बैठक तीनों सेनाओं के अध्यक्षों, सीडीएस के साथ हुई है. राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा हो रही है. देश की आन-बान-शान के लिए कुछ भी करेंगे. 



सवाल: क्या चीन की समस्या को लेकर कोई स्थायी समाधन है?
जवाब: स्थायी समाधान अकेला किसी के हाथ में नहीं होता. दूसरे देश को भी देखना होता. हम दूसरे देश पर आक्रमण नहीं करेंगे, यह हमारे हाथ में हैं. 


सवाल: भविष्य की राजनीति बदलने वाली है. स्वास्थ्य नंबर एक मुद्दा बन गया है. अर्थव्यवस्था पर ज्यादा जोर रहेगा. क्या बीजेपी के घोषणा पत्र में बदलाव की जरूरत है? 
जवाब:
 हमें अपने घोषणापत्र में बदलाव की जरूरत नहीं है. पीएम मोदी के एजेंडे में ये चीजें पहले से ही हैं. पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत के तहत देश के 10 करोड़ 74 लाख परिवारों को लाभ पहुंचाया है. यह विश्व की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम है. प्राथमिक सेवा केंद्र को वेलनेस सेंटर में बदला जा रहा है. डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर पूरे देश में बनाए जाने हैं. उसी तरह से, 5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करना है. पीएम मोदी को भारत की ताकत पर भरोसा है. इस ताकत को अभी तक पहचाना नहीं  गया था. पीएम मोदी ने जनता को भागीदार बनाया है. पीएम मोदी का जनता से सीधा संवाद किया है और उसे जगाया है. 



सवाल: मोदी सरकार के शासन काल में बीजेपी ने जो राज्य गंवाए हैं, उन्हें वापस कैसे लाएंगे? 
जवाब:
 हम अपनी ताकत से इन सभी राज्यों को वापस हासिल करेंगे. हर चुनाव दूसरे से अलग होता है. हर जगह का विपक्ष अलग होता है. इसलिए हर राज्य के नतीजे अलग आते हैं. इसलिए हर चुनाव को अलग देखना चाहिए. अगर आप लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं, तो पंचायत चुनाव को उसी अंदाज में नहीं लेना चाहिए. 



सवाल: जब आपकी लड़ाई कांग्रेस से होती है तो आप आसानी से जीत जाते हैं लेकिन जब जंग क्षेत्रीय दलों से होती है, तो वहां आपको बड़ी चुनौती मिलती है?
जवाब:
 महाराष्ट्र हम हारे नहीं है, हमारे साथ धोखा हुआ है. उद्धव ठाकरे हमारे साथ चुनाव लड़े थे. महाराष्ट्र में हम चुनाव जीते हैं. दिल्ली की बात करें तो मैं यही कहूंगा कि यहां बिल्कुल अलग परिस्थिति रही. सबके लिए अलग-अलग रणनीति बनाई जाएगी. हम पश्चिम बंगाल में बड़ी जीत दर्ज करने जा रहे हैं. 


सवाल: क्या 2024 के लोकसभा चुनाव तक केवल बीजेपी ही राष्ट्रीय पार्टी रह जाएगी. क्या छोटे दलों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा?
जवाब:
 दूसरे दलों का क्या होगा, इस पर तो कुछ नहीं कह सकता. भारतीय जनता पार्टी जिन राज्यों में नहीं है, उनमें बेहतर प्रदर्शन करेगी. 2024 में देश का राजनीतिक परिदृश्य ही कुछ और होगा. भारत देश का दुनिया में स्थान ही कुछ और होगा. नित नई योजनाओं के साथ हमें कोरोना से जंग जीतनी होगी. 


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