चेन्नई : फिल्मों से राजनीति में आये कमल हासन ट्विटर पर जाति के खिलाफ अपने रूख को लेकर एक वर्ग के निशाने पर आ गये हैं. लोगों ने उन्हें कुछ साल पहले उनकी बेटी श्रुति द्वारा अपनी जाति की पहचान को लेकर दिये गये बयान की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें पहले अपने घर से सुधार की शुरूआत करनी चाहिए. हासन ने हाल ही में ट्विटर पर लिखा था कि उन्होंने अपनी बेटी के स्कूल नामांकन प्रमाणपत्र में जाति और धर्म का कॉलम भरने से इंकार कर दिया था. इस पर ट्वीट करते हुए कुछ लोगों ने उनसे पूछा है कि क्या अकेले इस कदम से जाति का मुद्दा समाप्त हो जाएगा.


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हासन ने ट्वीट किया था, ‘मैंने अपनी दोनों बेटियों के स्कूल नामांकन प्रमाणपत्र में जाति और धर्म के कॉलम को भरने से इंकार कर दिया था. यह एकमात्र तरीका है, जो अगली पीढ़ी तक जाना चाहिए. लोगों को प्रगति के लिए योगदान देना शुरू कर देना चाहिए. केरल ने इसे लागू करना शुरू कर दिया है.’ उन्होंने कहा है, ‘जो ऐसा करते हैं उन्हें जश्न मनाना चाहिए.’



हालांकि, ट्विटर पर एक व्यक्ति ने कुछ साल पहले के श्रुति हासन के टीवी साक्षात्कार का कुछ अंश अपलोड किए हैं. इसमें वह कह रही हैं कि वह ‘अयंगर’ (वैष्णव संप्रदाय की ब्राह्मण) हैं.



एक व्यक्ति ने लिखा है कि स्कूल के आवेदन में कॉलम नहीं भरने के बावजूद जाति उन्मूलन का आपका पूरा प्रयास विफल है. आपको अपने घर से सुधार शुरू करना चाहिए. जाति नहीं भरना एक समाधान नहीं है, बच्चों को कुछ इस तरीके से बड़ा कीजिये कि वह अपनी जाति के बारे में नहीं जाने. दरअसल अपनी पार्टी लॉन्च करने के बाद कमल हासन ट्विटर पर अपने समर्थकों के सवालों के जवाब देते हैं. उसी दौरान एक यूजर ने उनसे ये सवाल पूछा था.