Kamal Kant Batra: कारगिल युद्ध के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा की मां और पूर्व आप नेता कमल कांत बत्रा का आज हिमाचल प्रदेश में निधन हो गया. उन्होंने 77 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. कमल कांत बत्रा के निधन पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'कैप्टन विक्रम बत्रा की मां श्रीमती कमलकांत बत्रा के निधन की दुखद खबर मिली. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि शोक संतप्त परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति दें.'



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कमल कांत बत्रा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में हमीरपुर से राजनीति में एंट्री की थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा था. कुछ महीनों बाद उन्होंने पार्टी के कामकाज और संगठनात्मक ढांचे पर नाराजगी जताते हुए पार्टी छोड़ दी थी. उनके बेटे कैप्टन विक्रम बत्रा 24 साल की उम्र में कारगिल युद्ध में भारत के लिए विजयी लड़ाई लड़ते हुए शहीद हुए थे. उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.


कैप्टन बत्रा को कई उपाधियों से नवाजा गया. उन्हें प्यार से 'टाइगर ऑफ द्रास', 'शेर ऑफ कारगिल', 'कारगिल हीरो' और भी अलग-अलग नाम दिए गए थे. उन्होंने कारगिल जंग में विषम परिस्थितियों में भी कम से कम चार पाकिस्तानी सैनिक मार गिराये थे. मिशन लगभग पूरा हो गया था लेकिन जंग में घायल अपने साथी को बचाने के प्रयास में वे दुश्मन की गोली का शिकार हो गए थे और वीरगति को प्राप्त हुए.