Udaipur Kanhaiya Lal Murder Case: उदयपुर हत्याकांड की जांच जारी है. कन्हैया लाल की हत्या करने वाले आतंकी गौस मोहम्मद (Ghaus Mohammed) और रियाज अत्तारी (Riyaz Attari) की कॉल डिटेल ने जांच एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है. दोनों आतंकी कन्हैया की हत्या करने से पहले पाकिस्तान के 18 नंबरों पर लगातार बात कर रहे थे. इस बात का खुलासा ज़ी मीडिया नेट्वर्क ने 29 जून को अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में किया था.


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18 नंबरों से संपर्क में थे ये लोग


बता दें कि जांच में यह सामने आया है कि देश के 25 राज्यों के 300 से ज्यादा लोग भी इन 18 नंबरों से संपर्क में थे. यह सभी दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) संगठन से जुड़े हुए हैं. सूत्रों के अनुसार, कॉल डिटेल में जो 300 नंबर सामने आए हैं, उनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, बिहार और केरल के हैं. ऐसे में एनआईए (NIA) और आईबी (IB) ने सभी 25 राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया है.


गौहर चिश्ती की भी बातचीत


 जानकारी के मुताबिक, राजस्थान की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने मामले की गंभीरता से जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों को पत्र लिखा है. कॉल डिटेल की पूरी रिपोर्ट उसमे भेजी गई है. सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह सामने आई है कि 17 जून को अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ नारे लगाने वाला दरगाह का खादिम गौहर चिश्ती भी पाकिस्तान के नंबरों पर बात कर रहा था. उसके लगाए भड़काऊ नारे का वीडियो वायरल होने के बाद से वह फरार है. जांच एजेंसियां और पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह छोपमारी कर रहीं हैं, लेकिन वह अब तक पकड़ में नहीं आया है.


एक जैसा था उदयपुर और अमरावती की हत्या का तरीका  


राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर में कन्हैया और महाराष्ट्र के अमरावती में उमेश कोल्हे की हत्या नुपुर शर्मा की कथित विवादित टिप्पणी का समर्थन करने के चलते की गई थी. दोनों की हत्या का तरीका भी लगभग एक ही था. वहीं, कॉल डिटेल में 25 राज्यों के 300 से ज्यादा लोगों का पाक कनेक्शन सामने आने के बाद जांच एजेंसियां और सचेत हो गई है. उनके सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या देश में उदयपुर जैसे हमले सिलसिलेवार तरीके से करने की साजिश रची गई थी.


सेटेलाइन फोन का इस्तेमाल


हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस साजिश की जांच के चलते देश अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर्स पर सेटेलाइट फोन इस्तेमाल किए जाने की भी जानकारी सामने आई है, जो कि बेहद चिंता की बात है कि देश के सरहद और सरहद पार एक साथ सेटेलाइट फोन ऑन होना. इस पर भी डिटेल रिपोर्ट बनाई जा रही है और देखा जा रहा है कि इस दौरान कौन-कौन लोग सरहद पार किस- किसके साथ संपर्क में थे.
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