Kanpur News in Hindi: एक खतरा सीमा पार से है तो दूसरा खतरा देश में बैठे उन लोगों से है, जो शांति के दुश्मन हैं. मुहर्रम खत्म हुए हफ्ता बीतने को है लेकिन जुलूसों की विवादित पिक्चर हर रोज रिलीज हो रही है. सोशल मीडिया पर कानपुर की बताई जा रही जुलूस की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसमें भीड़ विवादित नारेबाजी कर रही है वो भी खाकी के सामने. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 


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'गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा'


मंच से गुस्ताख-ए-रसूल की एक सजा का उदघोष होता है और वहां मौजूद भीड़ जवाब में सिर तन से जुदा का नारा जोर-जोर से लगाती है. धार्मिक स्वतंत्रता की आड़ में एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदायों के खिलाफ खुलेआम सांप्रदायिक भाषणबाजी हो रही है. एक-दो बार नहीं कई बार लगातार सिर तन से जुदा करने के नारे दोहराए जाते हैं. भीड़ जब जोर-जोर से नफरती नारे लगा रही थी तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी, 2 पुलिसकर्मी भड़काऊ भाषण को इग्नोर कर पेड़ के नीचे चर्चा में मशगूल दिखे. 


मोहर्रम के जुलूस में लगे विवादित नारे


वहीं कुछ पुलिसकर्मी भीड़ के पीछे खड़े होकर, हाथों में हाथ बांधे नफरती भाषणों को ऐसे सुन रहे हैं, मानो मंच से खुद गौतम बुद्ध शांति का संदेश दे रहे हों. खुल्लम खुल्ला सिर तन से जुदा करने की धमकी देती ये भीड़ मोहर्रम के जुलूस की है और वाकया कानपुर के रावतपुर इलाके का है, जब 16 जुलाई को यहां से मोहर्रम का जुलूस निकला. 


50 लोगों पर दर्ज हो गई एफआईआर 


रावतपुर गांव के जिस इलाके में ये भड़काऊ भाषणबाजी हो रही थी, वहीं शीतलामाता मंदिर और रामशाला मौजूद है यानी ये विवादित नारेबाजी किसी बड़े दंगे में भी परिवर्तित हो सकती थी. करीब हफ्ते भर बाद घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई. वीडियो के सच की सत्यता जांच के पैमाने पर परखी गई और पुलिस ने कबूल किया कि कानपुर में मोहर्रम के जुलूस के दौरान ये सब सच में हुआ था. एसीपी कानपुर अभिषेक पांडेय वीडियो वायरल हो जाने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है. जूलूस आयोजक समेत 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.