Narendra Modi Govt Ordinance: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के शुक्रवार रात दिल्ली में अफसरों के तबादले और पोस्टिंग को लेकर जारी अध्यादेश पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने निशाना साधा. शनिवार को सिब्बल ने कहा, केंद्र ने यह जताने के लिए अध्यादेश लागू किया है कि आखिरी फैसला उसी का होगा, भले सुप्रीम कोर्ट ही बीच में क्यों न आए.


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केंद्र सरकार ने DANICS (दिल्ली, अंडमान- निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवा) कैडर के 'ग्रुप-ए' के अफसरों के तबादले और उनके खिलाफ कोई एक्शन लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया.


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को दिया था अधिकार


अध्यादेश जारी करने से महज एक हफ्ते पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और जमीन को छोड़कर बाकी सभी सर्विसेज का कंट्रोल दिल्ली सरकार के हाथों में दे दिया था. 



सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार से कहा था- सर्विसेज की बागडोर दिल्ली सरकार को सौंप दें.सरकार ने अध्यादेश लागू कर सुप्रीम कोर्ट से कहा-अगर आप रास्ते में आएंगे, तो भी हम यही कहेंगे कि अंतिम फैसला हमारा है.'


अध्यादेश में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण के अध्यक्ष होंगे. जबकि मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (गृह) सदस्य होंगे.


इसके मुताबिक, 'वर्तमान में लागू किसी भी कानून के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण 'ग्रुप-ए' अफसरों और दिल्ली सरकार से जुड़े मामलों में सेवा दे रहे DANICS अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग की सिफारिश करेगा. लेकिन वह अन्य मामलों में सेवा दे रहे अधिकारियों के साथ ऐसा नहीं कर सकेगा.'


अध्यादेश के मुताबिक, प्राधिकरण जिन भी मुद्दों पर फैसले लेगा वह मौजूद और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से होगा. प्राधिकरण की सभी सिफारिशों को सदस्य सचिव वेरिफाई करेंगे.' अंतिम फैसला उपराज्यपाल का होगा.


AAP ने बोला हमला


केंद्र के इस अध्यादेश को आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के साथ छलावा करार दिया है.दिल्ली की PWD मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश साफ तौर से कोर्ट की अवमानना है. उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ गई है. आतिशी ने कहा, लेकिन केंद्र का यह अध्यादेश मोदी सरकार की बेहयाई का प्रतिबिंब है. इस अध्यादेश को लाने के पीछे केंद्र का इकलौता मकसद केजरीवाल सरकार से शक्तियां छीनना है.'


(PTI इनपुट के साथ)