Karnataka में Slaughter And Preservation of Cattle Bill 2020 हुआ पास, दोषी को 7 साल की सजा का प्रावधान
बीजेपी (BJP) के सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020 (Karnataka Prevention of Slaughter And Preservation of Cattle Bill 2020) में कर्नाटक (Karnataka) में गो हत्या पर पूरी तरह से रोक का प्रावधान किया गया है.
बेंगलुरु: कर्नाटक विधान सभा (Karnataka Assembly) में हंगामे के बीच बुधवार को गो हत्या रोधी बिल पास हो गया. कांग्रेस (Congress) के विधायकों ने गो हत्या रोकने वाले इस बिल का कड़ा विरोध किया और विधान सभा से वॉकआउट कर दिया. वहीं बीजेपी (BJP) ने कहा कि कानून बनने से कर्नाटक में गो हत्या पर रोक लगेगी.
बीजेपी (BJP) के सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020 (Karnataka Prevention of Slaughter And Preservation of Cattle Bill 2020) में कर्नाटक (Karnataka) में गो हत्या पर पूरी तरह से रोक का प्रावधान किया गया है. गो तस्करी, गायों की अवैध ढुलाई, गायों पर अत्याचार और गो हत्या का दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और अपराधी को 7 साल तक के लिए जेल जाना पड़ेगा.
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कर्नाटक विधान सभा में बिल पास होने के बाद कर्नाटक (Karnataka) बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020 पास होने पर संतों, गौ रक्षकों, गौ भक्तों, किसानों और कानून विशेषज्ञों को बहुत-बहुत बधाई.
कर्नाटक के संसदीय कार्य मंत्री जे. सी. मधुस्वामी ने बताया कि विधान सभा में गो हत्या रोधी बिल पास हो गया है. इसके कानून बनने के बाद गाय समेत भैंस और अन्य मवेशियों को सुरक्षा मिलेगी. गो हत्या के आरोपी के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन करने का प्रावधान भी इस बिल में रखा गया है. इसके साथ ही 'कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020' में राज्य में गौशाला स्थापित करने का प्रावधान भी है.
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बता दें कि बुधवार को कर्नाटक के पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण ने जैसे ही गो हत्या रोधी बिल पेश किया तो विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जबरदस्त विरोध किया और उनके नेतृत्व सभी कांग्रेस विधायक सदन के बाहर चले गए.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि 'कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020' को पेश करने से पहले कार्य मंत्रणा समिति की मीटिंग में चर्चा नहीं हुई थी. जबकि मंगलवार को बात हुई थी कि कोई नया बिल पेश नहीं किया जाएगा.
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