कर्नाटक सरकार ने 1 दिन पहले लगाया Night Curfew, 24 घंटे में फैसला वापस
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने एक बयान में कहा, `रात्रिकालीन कर्फ्यू (Night Curfew) को लेकर लोगों की राय के मद्देनजर फैसले की समीक्षा की गई है. मंत्रिमंडल के सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद कर्फ्यू के आदेश को वापस लेने का फैसला किया गया है.`
बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने रात में कर्फ्यू (Night Curfew) लगाने के अपने आदेश को गुरुवार को वापस ले लिया है. जबकि एक दिन पहले ही राज्य में 1 जनवरी तक के लिए नाइट कर्फ्यू लगाने की घोषणा की गई थी. ब्रिटेन में मिले COVID-19 के नए स्ट्रेन (Strain) के कारण एहतियाती कदम उठाते हुए कर्नाटक सरकार ने गुरुवार से 9 दिनों के लिए रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगाने का फैसला किया था.
सतर्कता बरतने की अपील
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (B. S. Yediyurappa) ने एक बयान में कहा, 'रात्रिकालीन कर्फ्यू को लेकर लोगों की राय के मद्देनजर फैसले की समीक्षा की गई है. मंत्रिमंडल के सहयोगियों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद रात्रिकालीन कर्फ्यू के आदेश को वापस लेने का फैसला किया गया है.' मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों से मास्क पहनने, हाथ धोने और उचित दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन करने के साथ अत्यंत सतर्कता बरतने की अपील की है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली के CM Arvind Kejriwal का बयान, वैक्सीन के स्टोरेज के लिए पूरी तरह तैयार
क्रिसमस के उत्साह में आई कमी
भले ही सरकार ने नाइट कर्फ्यू हटा दिया है लेकिन राज्य में क्रिसमस (Christmas) को लेकर रहने वाले उत्साह में खासी कमी आ गई है. सरकार की गाइड लाइन के साथ चर्च में प्रार्थना करने की इजाजत है, फिर भी अधिकतर चर्च परिस्थिति को देखते हुए शाम को ही प्रार्थना का आयोजन कर रहे हैं. इसके अलावा लोगों से अपील की गई है कि वो अपने घर में रह कर ही प्रार्थना करें.
टेप के टुकड़ों से बनाया क्रिसमस ट्री
चर्च के मुताबिक सबसे पहला क्रिसमस यानी यीशु का जन्म भी विपरीत परिस्थितियों में हुआ था तो इस बार का ये क्रिसमस भी उसी के अनुरूप है. बेंगलुरु के मार थोमा सीरियन चर्च ने हर बार की तरह इस बार भी अपने किसमस ट्री को Waste से तैयार किया है. इस बार टेप के बचे हुए टुकड़ों को जोड़ कर क्रिसमस ट्री (Christmas tree) तैयार किया गया है और इसे कोरोना वारियर्स को समर्पित किया गया है. चर्च में होने वाली मास के लिये विशेष व्यवस्था की गई है. एंट्री गेट पर जांच के अलावा हर आगंतुक का मास्क पहने होना अनिवार्य है. इसके अलावा हॉल के अंदर लोगों की संख्या को 100 तक सीमित रखा गया है. बैठने की व्यवस्था भी सोशल डिस्टेंसिंग के मुताबिक की गई है.
LIVE TV