कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बोले- सिंगल रहना चाहती हैं मॉडर्न भारतीय महिलाएं, नहीं करना चाहतीं बच्चे पैदा
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर (Karnataka Health Minister K Sudhakar) ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day 2021) पर में एक कार्यक्रम के दौरान आधुनिक भारतीय महिलाओं को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी.
बेंगलुरु: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर (Karnataka Health Minister K Sudhakar) ने मॉडर्न भारतीय महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि आधुनिक भारतीय महिलाएं सिंगल रहना चाहती हैं. शादी के बाद भी बच्चे पैदा नहीं करना चाहतीं और ‘सरोगेसी’ के जरिए बच्चे चाहती हैं.
निमहान्स के कार्यक्रम में मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के. सुधाकर (Karnataka Health Minister K Sudhakar) ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day 2021) पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (NIMHANS) में कहा, ‘आज, मैं यह कहने के लिए माफी चाहूंगा कि भारत में काफी संख्या में आधुनिक महिलाएं अकेली (सिंगल) रहना चाहती हैं. यहां तक कि शादी हो जाने पर भी वे बच्चे को जन्म नहीं देना चाहतीं. वे सरोगेसी चाहती हैं. इस तरह हमारी सोच में एक बड़ा बदलाव आ गया है.’
‘पश्चिमी देशों का प्रभाव’ जिम्मेदार
मंत्री ने इसके लिए भारतीय समाज पर ‘पश्चिमी देशों के प्रभाव’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि लोग नहीं चाह रहे हैं कि उनके माता-पिता उनके साथ रहें. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, आज हम पाश्चात्य देशों के रास्ते पर बढ़ रहे हैं. हम नहीं चाहते कि हमारे माता-पिता हमारे साथ रहें, अपने साथ दादा-दादी को रखना भूल गये हैं.’ भारत में मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के बारे में सुधाकर ने कहा कि हर सातवें भारतीय को किसी न किसी तरह की मानसिक समस्या है, जो हल्की, मीडियम या गंभीर हो सकती है.
'भारत दुनिया को तनाव दूर करना सिखाए'
डॉ. के. सुधाकर के मुताबिक तनाव प्रबंधन एक कला है और भारतीयों को इसे सीखने की नहीं, बल्कि दुनिया को इससे निपटने के गुर सिखाने की जरूरत है. मंत्री ने कहा, ‘...योग, ध्यान, प्राणायाम शानदार माध्यम हैं जिसकी शिक्षा हमारे पूर्वजों ने हजारों साल पहले विश्व को दी.’ कोविड-19 मानसिक स्वास्थ्य के बारे में सुधाकर ने कहा कि सगे-संबंधी अपने प्रिय जन के शव को छू नहीं सके, जिसके चलते उन्हें मानसिक पीड़ा हुई. उन्होंने कहा, ‘महामारी के चलते सरकार ने कोविड-19 मरीजों को कंसल्टेंसी दिलाना शुरू किया, आज की तारीख तक कर्नाटक में 24 लाख कोविड मरीजों को कंसल्टेंसी दी जा चुकी है.'
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