नई दिल्ली.  कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने तलाकशुदा पति को अपने बच्चे से मिलने से मना कर रही मां से कहा है कि वो बच्चे को उसके पिता से मिलने दें. कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान बच्चे की मां से कहा, 'भले ही माता-पिता का तलाक हो जाता है. लेकिन, उन दोनों से ही बच्चे का जन्म होता है. जब ऐसा है तो आप उन्हें मिलने से क्यों रोक रही हैं.'


तलाकशुदा पति ने दायर की थी याचिका


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न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चेन्नई में एक तलाकशुदा पति की याचिका पर विचार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि 'आज के बच्चे ज्यादा समझदार होते हैं, उनमें माता-पिता को सलाह देने की क्षमता है.' तलाकशुदा पति ने कोर्ट में अपने 12 साल के बेटे से मिलने की अनुमति देने का निर्देश देने की याचिका दायर की थी.


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बच्चे की मां की तरफ से दिया गया ये तर्क


पिता के वकील ने कोर्ट के में बताया कि मां अपने तलाकशुदा पति को बच्चे से मिलने नहीं दे रही है. वहीं, बच्चे की मां की ओर से पेश वकील ने कहा कि लड़का एसएसएलसी (क्लास 10) में पढ़ रहा है. इस महीने के लास्ट सप्ताह से उसके हाफ-इयरली एग्जाम शुरू होंगे. अगर उसने पिता से मिलने की अनुमति दी, तो उसकी पढ़ाई प्रभावित होगी.


आजकल के बच्चे काफी समझदार हैं- हाई कोर्ट


पीठ इस तर्क से सहमत नहीं हुई और कहा कि आजकल के बच्चे काफी समझदार हैं. इस तरह के तर्क की कोई गुंजाइश नहीं है. पीठ ने आगे आदेश दिया कि बच्चा अपनी आधी सर्दी और गर्मी की छुट्टियां अपने पिता के साथ बिता सकता है.


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मां के वकील ने जताई आपत्ति


मां के वकील ने इस पर आपत्ति जताई और इस आदेश को पारित न करने की अपील की. महिला के वकील का कहना है कि पिता शादीशुदा है और उसका एक बच्चा है, इसलिए इस तरह का आदेश न दिया जाए. पीठ ने वकील को 24 नवंबर को बेटे को कोर्ट में लाने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि देखते हैं कि बच्चा अपने पिता से यहां मिलने के बारे में क्या कहता है.


(इनपुट- IANS)


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