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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) ने शुक्रवार को भावुक होते हुए ऐसा संकल्प लिया जिसे सुनकर लोग हैरान हो गए. दरअसल सदन में सत्ता पक्ष के नेताओं के व्यवहार से आहत पूर्व मुख्यमंत्री ने जो यह कसम खाई उसे उन्होंने पार्टी मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भी दोहराया.
टीडीपी सुप्रीमों ने कहा है कि वो सत्ता में लौटने तक आंध्र प्रदेश विधानसभा (Andhra Pradesh Assembly) में कदम नहीं रखेंगे. उन्होंने कहा, ' राज्य की सत्ता मिलने तक हम लोगों के पास जाएंगे और इसका समाधान करेंगे.' पूर्व मुख्यमंत्री अपने संबोधन में कई बार भावुक हो गए और कुछ पलों तक रोते दिखे. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) उन्हें लगातार अपमानित कर रही है.
टीडीपी सुप्रीमो ने कहा, 'यह YSRC के अत्याचारी शासन के खिलाफ एक धर्म युद्ध है. मैं लोगों के पास जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा. अगर लोग सहयोग करते हैं, तो मैं राज्य को बचाने का प्रयास करूंगा' इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष ने सदन में भावुक स्वर में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ लगातार इस्तेमाल किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं.
पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने ये भी कहा, 'बीते ढाई साल से मैं लोगों के भले की वजह से अपमान सह रहा हूं, लेकिन शांत रहा. आज, उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है. मैं हमेशा सम्मान के लिए और सम्मान के साथ रहा. मैं इसे और नहीं सह सकता.'
विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने जब उनका माइक संपर्क काट दिया, तब भी नायडू ने बोलना जारी रखा. सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने नायडू की टिप्पणी को 'नाटक' करार दिया. कृषि क्षेत्र पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने निराशा व्यक्त की. बाद में, उन्होंने अपने कक्ष में अपनी पार्टी के विधायकों के साथ अचानक बैठक की, जहां वह कथित तौर पर अत्यंत भावुक हो गए.
#WATCH | Former Andhra Pradesh CM & TDP chief Chandrababu Naidu breaks down at PC in Amaravati
He likened the Assembly to 'Kaurava Sabha' & decided to boycott it till 2024 in protest against 'ugly character assassinations' by YSRCP ministers & MLAs, says TDP in a statement pic.twitter.com/CKmuuG1lwy
— ANI (@ANI) November 19, 2021
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इसके बाद सदन में पहुंचे आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी (CM YS Jagan Mohan Reddy) ने कहा कि विपक्षी नेता का व्यवहार और शब्द नाटक के अलावा और कुछ भी नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा, 'चंद्रबाबू हर चीज से केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं. यह खुद चंद्रबाबू थे जिन्होंने मेरे परिवार के सदस्यों (दिवंगत चाचा, मां और बहन) के बारे में बात की थी और हमारी तरफ से उनके परिवार का कोई संदर्भ नहीं था. चंद्रबाबू ने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देते हुए भावुक हो गए और इसी दौरान उन्होंने एक संकल्प भी ले लिया. खैर, ऊपर से भगवान भी यह सब देख रहे होंगे.'
आपको बताते चलें कि इससे पहले दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं स्वर्गीय जे जयललिता ने भी ऐसी कसम खाई थी. साल 1989 में तमिलनाडु विधान सभा के अंदर जयललिता के साथ सदन में बुरा व्यवहार किया गया था. उनके साथ अभद्रता की गई थी. सिर पर माइक से वार किया गया. ये कांड करने वाले थे एम करुणानिधि की पार्टी डीएमके के उस टाइम मंत्री रहे दुरई मुरुगन. तब जय ललिता ने उस दिन कसम खाई थी कि वो तभी असेंबली आएंगी जब सीएम बन जाएंगी. उन्होंने अपनी कसम निभाई भी थी.