Karnataka News: नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार कर्नाटक की झांकी नहीं दिखेगी. हालांकि पिछले लगातार 13 वर्षों से राज्य की झांकी परेड में शामिल हो रही है. इस बार ऐसा नहीं होने पर राज्यसरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है. हालांकि यह अब एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है कांग्रेस ने इसे लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है.


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कर्नाटक सरकार ने रविवार को कहा कि राज्य की झांकी को इस साल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने का मौका नहीं मिला है और ऐसा केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने के कारण हुआ है.


इसलिए कर्नाटक को नहीं मिला मौका
गणतंत्र दिवस झांकी के नोडल अधिकारी सी.आर. नवीन ने एक बयान में कहा, ‘इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में राज्यों की झांकी के हिस्सा लेने के संबंध में, भारत सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें उन राज्यों को अवसर प्रदान करने की बात है जिन्होंने पिछले 8 वर्षों के दौरान इसमें भाग नहीं लिया है या सबसे कम बार भाग लिया है. इसलिए, कर्नाटक राज्य को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने का मौका नहीं मिला है.’


नवीन ने कहा, ‘इसके अलावा, यदि पिछले वर्ष भाग लेने वाले राज्यों की सूची और इस वर्ष चयनित राज्यों की तुलना की जाती है, तो यह स्पष्ट है कि 2022 में पुरस्कार जीतने वाले सभी तीन राज्यों का चयन इस वर्ष नहीं किया गया है. साथ ही तीन राज्यों को छोड़कर, पिछले साल भाग लेने वाले शेष राज्यों का चयन नहीं किया गया है.’


कर्नाटक ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान एक झांकी के माध्यम से अपने मोटे अनाज की विविधता प्रदर्शित करने का प्रस्ताव दिया था. राज्य की झांकी को पिछले साल दूसरा सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया था.


सिद्धारमैया ने साधा निशाना
विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने राज्य के गौरव को बनाए रखने की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए इस संबंध में राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक भाग नहीं लेगा, राज्य की झांकी को अस्वीकार किया जाना यह दर्शाता है कि यहां की भाजपा सरकार हमारे राज्य के गौरव को बनाए रखने के लिए कितनी गंभीर है.’


कांग्रेस नेता ने कई ट्वीट करके आरोप लगाया कि ‘अक्षम और कमजोर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और उनके कैबिनेट मंत्री 40 प्रतिशत कमीशन के माध्यम से सरकारी संसाधनों को लूटने के बारे में चिंतित हैं. अगर उन्होंने विषय को तैयार करने में थोड़ा और विचार किया होता, तो कर्नाटक गणतंत्र दिवस पर अपनी झांकी प्रस्तुत कर सकता था.’


सिद्धारमैया ने कहा ‘राज्य भाजपा सरकार ने अपने आलाकमान के हितों को समायोजित करने के लिए हमारे गौरव को छोड़ दिया है. क्या भाजपा के किसी भी सांसद ने हमारी झांकी को अस्वीकृत किये जाने पर आपत्ति जताई है?’


(इनपुट - भाषा)


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