Kashi Vishwanath Temple Prasad Price: काशी विश्वनाथ में सालों से प्रसाद बनारस में ही बनता था लेकिन तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी वाले विवाद के बाद सबकुछ बदल गया है. प्रसाद की शुद्धता के दावे के साथ अब कई बदलाव किए गए हैं. अब काशी का प्रसाद गुजरात की एक जानी मानी कंपनी बनाएगी. इसे खास तरीके से बनाया जाएगा. क्या फैसला हुआ है और इस पर बनारस के लोग क्या कहते हैं. इस पर हमारी ये रिपोर्ट पढ़िए. 


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बदल गया है काशी का प्रसाद!


भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी काशी...ब्रह्मा की बसाई हुई काशी. जिसके बारे में लोक आस्था है कि, यहां के कण-कण में भगवान शिव का वास है. पौराणिक महत्व वाले दिव्य काशी में जिसने गंगा स्नान कर महादेव के दर्शन कर लिए, उसे पापों से मुक्ति मिल गई. लेकिन तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी की खबर के बाद यहां बहुत कुछ बदल रहा है.


गुजरात की अमूल कंपनी को मिला जिम्मा


श्रद्धालुओं का मन तो पहले से ही कुंद था. प्रसाद को लेकर अविश्वास मन में घर कर गया. लिहाजा काशी में मंदिर प्रशासन ने प्रसाद को लेकर बड़ा फैसला लिया है. पहले मंदिर का प्रसाद वाराणसी में लोकल ही बनाई जाती थीं. ये संस्थान पिछले पांच साल से मंदिर के लिए प्रसाद तैयार कर रहे हैं. लेकिन मंदिर के ट्रस्ट का कहना है कि क्वालिटी बनाए रखने के लिए अब गुजरात की एक बड़ी कंपनी को प्रसाद बनाने का ठेका दिया गया है.  


बेलपत्र और देशी घी से बनेगा 'प्रसादम'


वाराणसी के आयुक्त कौशलराज शर्मा ने बताया कि बाबा विश्वनाथ पर चढ़ाए गए बेलपत्र और चावल के आटे से बने लड्डू भक्तों को प्रसाद स्वरूप में मिलाया जाएगा. बेलपत्र के अलावा, काली मिर्च, लौंग, देशी घी और चावल के आटे से इस लड्डू प्रसादम को तैयार किया जा रहा है. हालांकि इस बदलाव के बाद दावा किया जा रहा है कि प्रसाद की कीमत बढ़ गई है.


अब 120 रुपये में मिलेगा एक लड्डू
 
पहले जहां 200 ग्राम के लड्डू वाले प्रसाद की कीमत 100 रुपये थी. वहीं अब अमूल कंपनी ने 200 ग्राम के लड्डू वाले प्रसाद की कीमत 120 रुपये तय की है. प्रसाद के काउंटर के पास लगे दूध वाले काउंटर पर शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 10 रुपये में दूध उपलब्ध कराया गया है. काशी के लोग इस बदलाव पर खुलकर बोल रह हैं.


तिरुपति विवाद के बाद प्रशासन का फैसला


मंदिर प्रशासन का दावा है कि प्रसाद की क्वालिटी सुधारने के लिए गुजरात की कंपनी को ठेका दिया गया है. तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी वाले विवाद और फिर परोसे गए प्रसाद में कीड़े मिलने के दावे के बाद काशी विश्वनाथ धाम ने प्रसाद की शुद्धता बनाए रखने के लिए फैसला लिया है. जिससे भक्तों की आस्था को ना तो ठेस पहुंचे और ना ही भरोसा टूटे.