Tulip Garden : जम्‍मू कश्‍मीर का विश्‍व प्रसिद्ध ट्यूलिप गार्डन जल्‍द खुलने जा रहा है. इस बार यह गार्डन पांच नई किस्मों के साथ 23 मार्च से आम जनता और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है. अधिकारियों की तरफ से बताया गया है कि इस साल 1.7 मिलियन ट्यूलिप बोए गए हैं. 23 मार्च से जहां गार्डन आम लोगों के लिए खुलेगा तो वहीं 19 मार्च से यहां पर ट्यूलिप फेस्टिवल का आयोजन होना है. 


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अधिकारियों की मानें तो वो एक भव्य और शानदार शो की उम्मीद कर रहे हैं. ट्यूलिप फेस्टिवल 20 दिन तक चलेगा. वसंत ऋतु के साथ जबरवान पहाड़ियों के नीचे विश्व प्रसिद्ध डल झील के किनारे स्थित ट्यूलिप गार्डन किसी पुष्प वंडरलैंड से कम नहीं लग रहा है. फ्लोरीकल्चर विभाग अप्रैल महीने में ट्यूलिप उत्सव की भी योजना बना रहा है.


 



फ्लोरीकल्चर अधिकारी जावेद मसूद ने कहा, 'बगीचे को 23 मार्च को खोल दिया जाएगा, और लोगों को मनमोहक फूलों का अनुभव होगा. जबरवान पहाड़ों की तलहटी में डल झील के किनारे बसा यह गार्डन पूरी तरह से खिलने पर दिल को छूने वाला नजारा देता है. 


 



17 लाख ट्यूलिप खिलेंगे


 


आसिफ अहमद इटू (पुष्पकृषि अधिकारी) ने कहा ट्यूलिप गार्डन एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त उद्यान है और यह कश्मीर घाटी में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हम हर साल बगीचे में नए आकर्षण जोड़ने की कोशिश करते हैं और इस बार भी हमने नए आकर्षण जोड़े हैं. हमने पांच नई किस्मों के साथ नई जीवंत रंग योजनाएं बनाई हैं और इसके अलावा हमने डैफोडील्स और जलकुंभी भी शामिल किए हैं. इस साल बगीचे में 17 लाख ट्यूलिप खिलेंगे. 


 


 


सैकड़ों माली और कर्मचारी जनता के लिए उद्यान तैयार करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. बगीचे को तैयार करने में लगभग 6 महीने लगते हैं और बगीचे के खुलने से बहुत पहले ही बड़ी योजना बनाई जाती जिसके तहत गार्डन को और करना सुनिश्चित किया जाता है. इस साल फूलों की खेती विभाग का कहना है, कि पर्यटकों की संख्या के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट जाएंगे.


 



पूरे भारत में प्रसिद्ध Tulip Garden


 


ट्यूलिप गार्डन पूरे भारत में लोगों के लिए बेहद प्रसिद्ध हो गया है. ट्यूलिप खिलने के दौरान बहुत से यात्री घाटी की यात्रा की योजना बनाते हैं, और इस साल फूलों की खेती विभाग ने बगीचे को और अधिक रंगीन बनाने के लिए हायसिंथ्स, डैफोडिल्स, मस्करी और साइक्लेमेन जैसी अन्य किस्मों के फूल लगाए हैं. 


 



आसिफ अहमद इतु पुष्पकृषि अधिकारी आगे कहते हैं, पिछले साल हमारे यहां भारी संख्या में पर्यटक आए थे, उद्यान एक महीने के लिए खुलता है और हमने पिछले साल 3.72 लाख लोगों को देखा था और इस साल हमें उम्मीद है कि हम इस सीजन में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे. हमारा प्लांटिंग पैटर्न फूल खिलने की अवधि पर निर्भर करता है और हमने इस वर्ष इन ट्यूलिप का एक योजनाबद्ध प्लांटिंग  की  है और आने वाले वर्षों में हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बगीचे की दीर्घायु का विस्तार हो और अगले वर्ष से हमारे पास चेरी ब्लॉसम होगा और बगीचे को मई महीने में भी खुला रखा जाएगा.


 


गार्डन का निर्माण 2008 में 


 


इस गार्डन का निर्माण 2008 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने करवाया था. यह उद्यान वसंत ऋतु के दौरान घाटी में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बनाया गया था. पिछले साल इस गार्डन को एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन के रूप में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन) में शामिल किया गया था.