Sabarimala Temple LIVE: सबरीमाला मंदिर के बाहर प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 11 लोग गिरफ्तार
Sabarimala Temple LIVE: मंगलवार को पहाड़ी पर स्थित सबरीमला मंदिर से लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप निलाकल में परंपरागत साड़ी पहने महिलाओं के समूह को प्रत्येक वाहनों को रोकते देखा जा सकता था. इनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थीं.
तिरूवनंतपुरम/नई दिल्ली : केरल का प्रख्यात सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज खुलने वाले हैं. भगवान अय्यप्पा की मासिक पूजा के लिए आज मंदिर के द्वार खुलेंगे. मंदिर के द्वार खुलने से पहले केरल में तनाव की स्थिति है. सबरीमला मंदिर में रजस्वला लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने के बाद मंदिर जाने के मुख्य रास्ते निलक्कल में बुधवार की सुबह माहौल तनावपूर्ण हो गया. सबरीमला पहाड़ी से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्कल में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे समूह ‘सबरीमला आचार संरक्षण समिति’ के तंबू आदि भी हटा दिए हैं.
Sabarimala Temple Case टीडीबी ने बुलाई अहम बैठक
इससे पहले सबरीमला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार माने जाने वाले निलाकल में तनाव जोरों पर हैं क्योंकि मंगलवार को भक्तों ने प्रतिबंधित उम्र वर्ग की महिलाओं को लेकर मंदिर की तरफ से जाने वाले वाहनो को रोक दिया. वहीं इस मुद्दे के समाधान के लिए त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने मंगलवार को अहम बैठक बुलाई थी, जिसमें कोई सहमति नहीं बन सकी. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है.
महिलाओं के समूहों ने रोके वाहन
मंगलवार को पहाड़ी पर स्थित सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Kerala) से लगभग 20 किलोमीटर दूर बेस कैंप निलाकल में परंपरागत साड़ी पहने महिलाओं के समूह को प्रत्येक वाहनों को रोकते देखा जा सकता था. इनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थीं. निजी वाहनों के अलावा श्रद्धालुओं ने केरल राज्य पथ परिवहन निगम की बसें भी रोकीं और उनमें से युवतियों को बाहर निकलने को कहा. जब इस तरह की घटनायें हुई तब वहां बहुत कम पुलिसवाले तैनात थे.
22 अक्टूबर को बंद हुए थे मंदिर के कपाट
एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, ‘प्रतिबंधित उम्र 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को निलाकल से आगे नहीं जाने दिया जाएगा और उन्हें मंदिर में पूजा भी नहीं करने दी जाएगी.’ मंदिर को मलयालम थुलाम महीने में पांच दिन की मासिक पूजा के बाद 22 अक्टूबर को बंद कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंदिर में प्रवेश से श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. मेरी सरकार सबरीमला के नाम पर कोई हिंसा नहीं होने देगी.’ मुख्यमंत्री ने कहा,‘श्रद्धालुओं को सबरीमला जाने से रोकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार की मांग नहीं करने के सरकार के फैसले पर फिर से विचार किये जाने की संभावना खारिज कर दी. विजयन ने कहा,‘हम सुप्रीम कोर्ट के कहे का पालन करेंगे.’
पक्षकारों की बैठक में नहीं बनी सहमति
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश देने के जटिल और संवेदनशील मुद्दे के समाधान के लिए त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने मंगलवार को अहम बैठक बुलाई थी जिसमें कोई सहमति नहीं बन सकी. हालांकि भगवान अयप्पा के मंदिर समेत राज्य के 1200 से अधिक मंदिरों का प्रबंधन देखने वाले बोर्ड ने कहा कि पक्षकारों से बातचीत जारी रहेगी ताकि कोई समाधान निकल सके.
बोर्ड ने फैसले के पुनर्विचार के लिए तैयार नहीं होने के अपने पहले के रुख से एक तरह से हटते हुए संकेत दिया कि 19 अक्टूबर को होने वाली बैठक में मामला उठाया जाएगा. बैठक में मंदिर प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पक्षकारों ने भाग लिया जिनमें मंदिर के तंत्री (प्रमुख पुजारी), पंडालम शाही परिवार के सदस्य, अयप्पा सेवा समाजम और योग क्षेम सभा के सदस्य शामिल हैं.