Corona के बाद Nipah Virus बरपा रहा है कहर, पहली मौत के बाद अब दो और संक्रमित
12 साल के लड़के की निपाह वायरस से मौत के बाद सरकारें सतर्क हो गई. केंद्र ने एक टीम केरल भेजी, जो वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रूपरेखा बनाएगी.
नई दिल्ली: कोरोना (Corona) के कहर के बाद अब देश में जानलेवा निपाह वायरस (Nipah Virus) का भी खतरा मडराने लगा है. दरअसल हाल ही में केरल (Kerala) के कोझिकोड (Kozhikode) में एक 12 साल के लड़के की मौत निपाह वायरस की वजह से हो गई थी, जिसके बाद उसके संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटीन करके उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया. इस जांच में लड़के का इलाज कर रहे दो स्वास्थ्य कर्मियों में निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं.
अब तक 188 लोगों को किया गया ट्रेस
ये जानकारी केरल की स्वास्थय मंत्री वीन जॉर्ज ने दी. बीते रविवार को उन्होंने बताया कि जिस लड़के की मौत निपाह वायरस से हुई थी उसके संपर्क में आने वाले 188 लोगों को अब तक ट्रेस किया गया है, जिसमें से 20 लोगों को संक्रमण का ज्यादा खतरा था. इसलिए उन्हें क्वारंटीन करके निगरानी में रखा गया था, ये दोनों स्वास्थ्यकर्मी उन्हीं में से हैं. इनमें से एक निजी अस्पताल में काम करता है, जबकि दूसरा कोझिकोड मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के स्टाफ का सदस्य है.
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कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में बनाया गया निपाह वार्ड
मीडिया से बात करते हुए स्वास्थय मंत्री ने कहा कि जिन 20 लोगों को संक्रमण का ज्यादा खतरा था, उन सभी को रविवार शाम तक कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया. जबकि लड़के के अन्य संपर्क में आए लोगों को भी अलग-थलग रहने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जनरल वार्ड को पूरी तरह से निपाह वार्ड में बदल दिया गया है. रविवार को सुबह ही लड़के की मौत निपाह वायरस के चलते इसी हॉस्पिटल में हुई थी. लड़के के सैंपल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा गया था, जहां इसकी पुष्टि हुई थी. मामले की जानकारी होने के बाद केंद्र ने एक टीम केरल भेजी ताकि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्लानिंग की जा सके.
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बता दें, भारत में निपाह वायरस का पहला मामला केरल के कोझीकोड जिले में 19 मई, 2018 को दर्ज किया गया. विशेषज्ञों के अनुसार विशेषज्ञों के अनुसार निपाह वायरस चमगादड़ से फैलता है. ऐसे चमगादड़ को फ्रूट बैट कहा जाता है, जो फल खाते हैं और अपनी लार को फल पर छोड़ देते हैं. ऐसे फल को खाने वाले जानवर अथवा इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं. यह जानलेवा वायरस सबसे अधिक दिमाग को नुकसान पहुंचता है.
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