UP Politics: अखिलेश यादव के PDA फॉर्मूले पर BJP ने दिया जवाब, केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसते हुए समझाया मतलब
Keshav Prasad Maurya: केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा है कि अखिलेश यादव के पीडीए का मतलब पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक नहीं, बल्कि पी का मतलब परिवारवाद, डी का मतलब दंगाईयों का संग और ए का मतलब अपराध करने वालों को संरक्षण है.
Keshav Prasad Maurya on Akhilesh Yadav PDA formula: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हराने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने खास फॉर्मूला बनाया है और उन्होंने हाल ही में कहा था कि पीडीए (PDA) यानी पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक के जरिए एनडीए को हरा देंगे. अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले पर तंज कसते हुए जवाब दिया है और पीडीए का मतलब भी बताया है.
मौर्य ने बताया सपा और बीजेपी में क्या है अंतर
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने कहा है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर निशाना साधा और सपा-बीजेपी में अंतर बताया है. उन्होंने कहा कि सपा 'अपराधियों के लिए समर्पित' है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) गरीबों को 'समर्पित' है.
मौर्य ने बताया अखिलेश के पीडीए का मतलब
केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने ट्वीट कर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पीडीए (PDA) का मतलब भी बताया है. उन्होंने कहा, 'सपा बहादुर अखिलेश यादव के पीडीए का मतलब पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक नहीं, बल्कि पी का मतलब परिवारवाद, डी का मतलब दंगाईयों का संग और ए का मतलब अपराध करने वालों को संरक्षण है. इनका यही इतिहास, वर्तमान और भविष्य है. सपा गुंडों के लिए और भाजपा गरीबों के लिए समर्पित है.'
हाल ही में अखिलेश ने दिया था पीडीए फॉर्मूला
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को अगले साल के आम चुनावों में 'पीडीए' से हराया जाएगा, जिसे उन्होंने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के रूप में परिभाषित किया था.
बीजेपी को यूपी की सभी 80 सीटों पर हराने का दावा
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा था, 'अगर बड़े राष्ट्रीय दलों ने हमें समर्थन दिया तो उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा हार जाएगी.' अखिलेश यादव ने जोर देकर कहा था कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि किसी विशेष राज्य में कौन सा गठबंधन सहयोगी सबसे मजबूत है, इस पर विचार करते हुए सीटों का बंटवारा तय किया जाना चाहिए.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)