Gyanvapi: ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-अर्चना के मामले में हिन्दू पक्ष की जीत अब भी सुर्खियों बनी हुई है. वाराणसी की अदालत ने तहखाने में व्यास परिवार को पूजा-अर्चना को अनुमति दे दी है. तत्कालीन मुलायम सरकार के दौरान 1993 में व्यास तहखाने में पूजा अर्चना बंद करा दी गई थी. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने 1993 की याद करते हुए तत्कालीन मुलायम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.


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डिप्टी सीएम मौर्य का गंभीर आरोप


केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव ने साजिश के तहत वर्ष 1993 में ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा अर्चना बंद कराई थी. काशी के ही नहीं देशभर के लोग इस घटनाक्रम से परिचित हैं.


..काशी में भी हर हर महादेव


मौर्य ने कहा, '22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या के भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तो मन प्रफुल्लित हो गया. जिस आंदोलन के लिए लाखों कारसेवकों ने अपना सर्वस्व न्योछावर करने का संकल्प लिया था, सैकड़ों ने अपने प्राणों का भी बलिदान दिया वह सफल हुआ और अब महादेव की नगरी काशी में भी हर हर महादेव हो रहा है.'


हुई थी बड़ी साजिश..


न्यास की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार मौर्य ने आरोप लगाया, 'साजिश के तहत वर्ष 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने जिस प्रकार ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना बंद कराई थी उसे काशी के ही नहीं देशभर के लोग परिचित हैं.'


शिवभक्तों ने संयम दिखाया


उन्होंने कहा, '2017 में हमारी सरकार बनी तो हम भी पूजा शुरू करवा सकते थे लेकिन हमने मर्यादा का पालन किया. शिवभक्तों ने भी संयम दिखाया न्यायालय की शरण में गये, वहां से आदेश लेकर आये और अपने महादेव की पूजा अर्चना शुरू की. इससे हमारा ही नहीं सनातन धर्म में आस्था रखने वाले विश्व के सभी लोगों को एक समान आनंद की प्राप्ति हुई.'


हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार


वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का आदेश दिया था.


(एजेंसी इनपुट के साथ)