नई दिल्ली: देश की राजधानी से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां द्वारका (Dwarka) में सरकारी स्कूल के बाहर छात्रों के बीच हुए विवाद में बीच-बचाव करने वाले खुर्शीद की जान चली गई. वारदात के बाद से इलाके में सनसनी छाई हुई है.


बच्चों की आपसी लड़ाई में फंसा युवक


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बता दें कि दिल्ली (Delhi) के काकरोला गांव में रहने वाला खुर्शीद अपने पड़ोस के बच्चों की आपसी लड़ाई के बीच फंस गया और फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से खुर्शीद को अपनी जान गंवानी पड़ी? दरअसल सरकारी स्कूल के बाहर खुर्शीद के पड़ोस में रहने वाले बच्चे आपस में झगड़ने लगे और इस बीच खुर्शीद जो अपने घर पर था उसे एक फोन आता है तो खुर्शीद घर से निकल जाता है. कुछ देर बाद खुर्शीद की बहन को फोन आता है कि खुर्शीद को गोली लग गई है.


बच्चों में करवाना चाहता था सुलह


खुर्शीद अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के बीच सुलह करवाने स्कूल के बाहर जाता है. वहां कुछ और लोग भी मौजूद होते हैं. मौके की नजाकत को समझते हुए खुर्शीद ने बीच-बचाव करवाने की कोशिश की. लेकिन ये खुर्शीद को महंगा पड़ गया और उसे गोली लग गई.


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स्कूल के बाहर किसने चलाई गोली?


कौन थे जिन्होंने दिन-दहाड़े स्कूल के बाहर गोली चलाई? इस मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि उन्होंने सुमित नाम के एक शख्स को अरेस्ट किया है जिसने सरेआम बिना झिझक स्कूल के बाहर गोली चलाई.


वहीं दूसरी तरफ खुर्शीद के परिवार का कहना है कि मामले की जांच ढंग से नहीं हो रही है. एफआईआर में लिखा है कि खुर्शीद ने पुलिस से बात की लेकिन डॉक्टर ने खुर्शीद के परिवार को बताया कि यहां लाते समय ही खुर्शीद की मौत हो चुकी थी.


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परिवार वालों का ये बयान है कि जब डॉक्टर ने कहा कि वो यहां आने से पहले ही मर चुका था तो पुलिस ने उसका बयान कैसे लिया? साथ ही परिवार वालों का ये भी कहना है कि जिसने गोली चलाई वो महिला कॉन्स्टेबल का बेटा है और पुलिस पूरे मामले में अपने डिपार्टमेंट का साथ दे रही है. साथ ही जो चश्मदीद गवाह है उन्हें भी डरा धमका रही है. हालांकि इस मामले की सच्चाई क्या है इसका पता जांच के बाद ही चलेगा.


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