करौली: राजस्थान के करौली (Karauli) में पुजारी को जिंदा जलाने की घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा (kirori mal meena) पुजारी के गांव में सैकड़ों लोगों के साथ धरने पर बैठ गए हैं. बीजेपी ने पुजारी की हत्या मामले में राजस्थान सरकार पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है.


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पुजारी के परिवार ने की यह मांग


पुजारी बाबूलाल वैष्णव के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा 6 बेटियां और एक बेटा है. परिवार ने अपराधियों को कड़ा से कड़ा दंड देने की मांग है. पुजारी की पत्नी विमला देवी ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि अपराधियों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए. एक अन्य रिश्तेदार ने मांग पर फोकस किया और प्रशासन से परिवार को 50 लाख रुपये और बाबूलाल के बेटे को सरकारी नौकरी देने की मांग की.


 



उचित कदम उठाएगी राज्य सरकार: महेश शर्मा


राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी पीड़ित परिवार के 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग पर कहा, "भाजपा नेता इस मामले में राजनीति कर रहे हैं. राज्य सरकार इस मामले में संवेदनशील है और जो उचित होगा वह राज्य सरकार करेगी" इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा पर निशाना साधते हुए कहा, "क्या राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आज तक किसी पीड़ित को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाया है."


जानें क्या है पूरा मामला


करौली (Karauli) में सपोटरा क्षेत्र के बूकना गांव में मंदिर की भूमि पर कब्जा करने के लिए कैलाश पुत्र काडू मीणा, शंकर, नमो, रामलखन मीणा आदि छप्पर डाल रहे थे. पुजारी (Temple Priest) ने अतिक्रमियों को अतिक्रमण से रोका तो उन्होंने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. आगजनी में पुजारी का शरीर कई जगह से झुलस गया. परिजनों ने पहले सपोटरा चिकित्सालय में पुजारी को भर्ती कराया, लेकिन स्थिति नाजुक होने पर उसे जयपुर रैफर कर दिया. जयपुर में उपचार के दौरान गुरुवार शाम सात बजे पुजारी की मौत हो गई. पुजारी के बयान के बाद सपोटरा थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभी भी 5 अन्य आरोपी फरार हैं.


पुजारी के पक्ष में सुनाया था पंचायत ने फैसला


पुजारी बाबूलाल वैष्णव के परिवार को 12 बीघा जमीन गांव वालों ने करीब 150 साल पहले दान में दी थी. इसी जमीन में खेतीबारी कर उनका परिवार अपना भरण पोषण करता था. इसको लेकर काफी समय से विवाद की स्थिति बनी हुई थी और 7 सितंबर को गांव वालों की इस मामले में पंचायत भी हुई थी. पंचायत ने बाबूलाल के पक्ष में फैसला दिया, लेकिन कैलाश मीणा और उसके परिवार वाले नहीं माने. पंचायत के फैसले पर गांव के 100 लोगों का हस्ताक्षर है.


सांसद किरोड़ीमल मीणा ने की 1 लाख रुपये की मदद


बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीमल मीणा (Kirodi Lal Meena) पुजारी के परिवार से शनिवार को मिले और तत्काल परिवार को 1 लाख रुपये की मदद दी. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार इस मामले में सुस्त है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी (Rahul and Priyanka Gandhi) को एक बार यहां भी आकर इस गरीब परिवार का हाल देखना चाहिए. मीणा का कहना है कि परिवार और समाज की मांग है कि जबतक सरकार मांग नहीं मान लेती बाबूलाल पुजारी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.


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