Kisan Andolan News: किसानों को अपनी 13 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे आज 7 दिन हो गये. पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर पर डंटे हुए हैं. यहां किसानों और सुरक्षाबलों के बीच कई बार झड़प भी हो चुकी है. दिल्ली कूच पर अड़े किसानों की वजह से राजधानी और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन 7 दिनों में सरकार और किसान के बीच सहमति नहीं बन सकी है. 


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किसानों ने ठुकरा दिया सरकार का प्रस्ताव


रविवार रात चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच चौथे दौर की बैठक हुई. इससे पहले तीन बार की बातचीत बेनतीजा रही थी. चौथी बैठक में सरकार की तरफ से किसानों को 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया गया. सरकार का  प्रस्ताव किसान संगठनों को मंजूर है या नहीं. इसपर फैसले के लिए किसान संगठनों ने 48 घंटे का समय मांगा. उम्मीद थी कि किसान सरकार की बात मानकर धरना-प्रदर्शन खत्म करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, किसानों ने सरकार का प्रस्ताव ठुकराकर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है.


मिल रहे थे पॉजिटिव संकेत


किसानों के साथ पहले की तीन बैठक के मुकाबले चौथी बैठक से कुछ पॉजिटिव संकेत मिल रहे थे जोकि गलत साबित हुए. आइये जानते हैं सरकार ने किसानों के सामने क्या प्रस्ताव रखा था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया...


क्या था सरकार का प्रस्ताव?


-सरकार 5 फसलों अरहर, उड़द, मसूर, मक्का और कपास को किसानों से MSP पर खरीदा जायेगा 
-इसके लिए सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ को किसानों के साथ 5 साल के समझौते के लिए कहा था.
-इस समझौते के तहत नाफेड और एनसीसीएफ किसानों से MSP पर दाल, मक्का, उड़द, मसूर और कपास खरीदते.
-5 फसलों की MSP पर खरीद की कोई सीमा भी तय नहीं की गई थी.


MSP पर गेहूं-धान की खरीद सबसे ज्यादा


बता दें कि सरकार के प्रस्ताव में जिन पांच फसलों का जिक्र है, वे पहले से ही MSP के दायरे में हैं. लेकिन नए प्रस्ताव में सरकार इन पांचों फसलों को MSP पर खरीदने की गारंटी दे रही थी. क्योंकि, अबतक गेहूं और धान ही ऐसी फसलें रही हैं जिन्हें सरकार सबसे ज्यादा MSP पर खरीदती रही है. 


क्या कहता है 2019-20 का आंकड़ा


सरकार ने MSP पर 43 फीसदी चावल खरीदा था, जबकि 36 फीसदी गेहूं MSP पर किसानों से खरीदा. MSP पर सिर्फ 12 फीसदी ही दालें खरीदी गई थी. प्रदर्शन कर रहे किसानों की सबसे बड़ी मांग MSP है.