नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार समाधान निकालने की कोशिश में लगी है, लेकिन किसान कानून वापस लेने पर अड़े हैं. इस बीच, फेसबुक ने किसान एकता मोर्चा के पेज (Kisan Ekta Morcha Facebook Page) को बहाल कर दिया है. Facebook की तरफ से कहा गया है कि क्रॉस चेकिंग के बाद पेज को बहाल कर दिया गया है. इससे पहले, संगठन ने आरोप लगाया था कि फेसबुक ने जानबूझकर ऐसा किया है.


किसानों ने जताई थी नाराजगी


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किसानों ने आंदोलन (Farmers Protest) के संबंध में आधिकारिक सूचना के प्रसार के लिए ट्विटर अकाउंट और फेसबुक पेज बनाया हुआ है. रविवार को कुछ देर के लिए पेज को अनपब्लिश कर दिया गया था. जिससे नाराज किसानों ने आरोप लगाया था कि उनकी आवाज को दबाने के लिए ऐसा किया गया है. हालांकि, फेसबुक का कहना है कि केवल क्रॉस चेकिंग के लिए ऐसा किया गया था और अब पेज को पुन: बहाल कर दिया गया है.


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ये भी हो सकती है वजह?
किसान भले ही साजिश का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह ऐसा सामान्य प्रक्रिया के तहत हो सकता है. यदि पोस्ट में कुछ ऐसे शब्द हैं, जिन्हें अनुपयुक्त या सामुदायिक मानकों के विपरीत के रूप में चिह्नित किया गया है, तो अकाउंट को ब्लॉक किया जा सकता है. ये किसी एक पोस्ट की वजह से भी हो सकता है या एक से ज्यादा पोस्ट के चलते भी.


Yogendra Yadav ने साधा निशाना 
 


Facebook के प्रवक्ता ने पूरे मामले पर खेद जताते हुए कहा कि क्रॉस चेकिंग के बाद किसान एकता मोर्चा के फेसबुक पेज (https://www.facebook.com/kisanektamorcha) को बहाल कर दिया है. इस वजह से हुई असुविधा के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं. दरअसल, ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) फेसबुक लाइव कर रहे थे. उन्होंने बीच में ही किसान मोर्चे का पेज ब्लॉक होने के लिए फेसबुक पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब मैं किसान मोर्चे के फेसबुक पेज पर लाइव कर रहा था तभी हमें फेसबुक से नोटिफिकेशन मिला कि पेज ब्लॉक हो गया है. ये दर्शाता है कि कुछ न कुछ गलत हो रहा है. 


आज से भूख हड़ताल
वहीं, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 26वें दिन भी जारी है और आज से प्रदर्शनकारी किसान भूख हड़ताल करेंगे. इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के सभी टोल प्लाजा को 25, 26 और 27 दिसंबर को फ्री करने का निर्णय लिया है. किसानों ने कहा है कि सभी प्रदर्शन स्थलों पर 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं और हर प्रदर्शन स्थल पर 11-11 किसान रोजाना अनशन करेंगे. साथ ही सभी किसान संगठनों ने लोगों से 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर एक समय का भोजन ना ग्रहण करने की अपील की है.