अब तक आपने हनी ट्रैप के बारे में सुना होगा. इसके जरिए पहचान छिपाकर किसी महत्वपूर्ण पद पर बैठे शख्स पर डोरा डाला जाता है और गोपनीय जानकारी हासिल की जाती है. अब एक और शब्द चर्चा में है जिसे लव बांबिंग का नाम दिया गया है. अब सवाल यह है कि इसका मतलब और मकसद क्या होता है. दरअसल अगर आपसे कोई शख्स महज कुछ दिनों पहले मिला हो और फोन के जरिए, व्हाट्सऐप के जरिए, इ मेल्स के जरिए या सोशल मीडिया के जरिए आप से घंटों चिकनी चुपड़ी बात करे तो उसका अर्थ यह है कि कम समय में वो आपके करीब आना चाहता है और उसे ही लव बांबिंग कहते हैं.


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Love Bombing meaning in Hindi: अब लव बांबिंग का मकसद क्या होता है.दरअसल इसके जरिए लोग नौकरी पाने की जुगत लगाते है. रिझाने वाली बातों से वो सामने आने वाले को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. यही नहीं कंपनियां भी योग्य उम्मीदवारों के लिए इसका सहारा लेती हैं हालांकि यह अभी तक विकसित देशों तक सीमित है. बीबीसी के मुताबिक अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में करियर सलाह देने वाली कोच सैमॉरन सेलिम कहती हैं कि अगर लेबर मार्केट में पदों की संख्या के मुताबिक कैंडिडेट नहीं मिलते हैं तो इसकी मदद ली जाती है. इस तरह की सूरत में अभ्यर्थियों के पास विकल्प ज्यादा होते हैं.


लव बांबिंग के सामान्य लक्षण


  • जब कोई आपको बिना मतलब के गिफ्ट दे

  • जब सामने आने वाला अपने प्रयोजन को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाने की बात करे

  • वो आपके लिए हमेशा उपलब्ध हो और आपकी बातों पर हमेशा ध्यान दे

  • किसी भी सवाल का जवाब No में ना दे

  • जब आप अकेले में तो ज्यादा पसंद करे

  • वो अपने प्रेम का इजहार हद से अधिक करे


क्या कहते हैं जानकार


सैमॉरन सेलिम का यह भी कहना है कि जैसे किसी रोमांटिक रिश्ते का पहला पड़ाव डेट्स होता है और दोनों पक्ष सिर्फ और सिर्फ अपनी खूबियों के बारे में ना सिर्फ बताता है बल्कि वो उसके हिसाब से व्यवहार भी करता है. इस विषय पर सिएलो कंपनी की प्रबंध निदेशक सैली हंटर का मानना है कि कई दफा कंपनियों को नहीं लगता है कि वो भर्ती के दौरान लव बांबिंग जैसा काम कर रही हैं. लव बांबिंग के जरिए फायदे की जगह नुकसान की संभावना अधिक रहती है. दरअसल कोई भी पक्ष बेहद कम समय में अपने अच्छे और प्यार भरे बर्ताव को पेश करता है. ऐसे में जिस पर लव बांबिंग का इस्तेमाल होता है वो धोखे में आ जाता है. सामने वाला किस मकसद के साथ प्यार भरा बर्ताव करता है उसे समझ नहीं पाता. ऐसे ही जब इस तरह के तरीकों से कोई नौकरी हासिल करता है तो उसे कंपनी के वर्क कल्चर के बारे में ज्यादा समझ नहीं विकसित कर पाता है. जब वो कार्यस्थल पर पहुंचता है तो उसके अलग तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसके बारे में वो सोचा नहीं होता है.