Jammu Kashmir News: कोलकाता में डॉक्टर बेटी के रेप और मर्डर के मामले के बाद देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. इस घटना के बाद डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई उपायों की मांग की जा रही है. इसी बीच जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) ने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. GMC जम्मू देश के उन पहले मेडिकल कॉलेजों में शामिल हो गया है, जहां इमरजेंसी प्रिमाइसेस में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों की तैनाती की गई है.


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जम्मू से देशभर में गया मैसेज


GMC प्रशासन ने पुलिस प्रशासन के साथ लंबी चर्चाओं और विचार-विमर्श के बाद इस सुरक्षा व्यवस्था को लागू करने में सफलता पाई है. इस कदम से GMC जम्मू ने डॉक्टरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संदेश दिया है, जो कि मेडिकल पेशे में काम कर रहे लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पहल है. जम्मू GMC का यह कदम अन्य मेडिकल संस्थानों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है, जहां डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर चिंताएं उठती रही हैं.


कोलकाता से हुई थी शुरुआत


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लगभग 150 जवानों को तैनात किया गया था. शीर्ष अदालत के आदेश के एक दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर राज्य संचालित अस्पताल में सीआईएसएफ की तैनाती की मांग की थी. DIG-रैंक अधिकारी के नेतृत्व में CISF की एक टीम ने आरजी कर अस्पताल परिसर का सर्वे किया था. जहां इस महीने की शुरुआत में 31 साल की डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.


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