नई दिल्ली: पार्टी में घमासान के बीच नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) की बैठक आज फिर टल गई. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के बीच मतभेद जारी है और पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं. स्टैंडिग कमेटी की बैठक अब शुक्रवार को होगी. ये तीसरी बार है जब बैठक टाल दी गई है. 


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इससे पहले प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ स्टैंडिंग कमेटी की बैठक देश में कोविड-19 की स्थिति को लेकर होनी थी. ओली हर तरफ से आलोचना झेल रहे थे ​कि उन्होंने कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए. इसके साथ ही भारत विरोधी बयानों और देश में भ्रष्टाचार को लेकर भी उनकी आलोचना हो रही थी. 


वहीं नेपाल में चीनी राजदूत Hou Yanqi का आंतरिक मामलों में दखल राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गया है. उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हुई हैं जिसमें वह पीएम ओली को लेकर हुए तनाव को कम करने के लिए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों से मिलती नजर आ रही हैं. 


नेपाली अखबार द हिमालयन ने एक तस्वीर भी छापी है जिसमें लोग चीनी राजदूत और नेपाल में बीजिंग के दखल का विरोध कर रहे हैं. 


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ऐसी खबरें हैं कि पार्टी की स्थायी समिति के 40 में 30 सदस्य ओली का इस्तीफा चाहते हैं.


इतने प्रचंड विरोध के बीच ओली के लिए सत्ता में बने रहना आसान नहीं होगा. उधर नेपाल की संसद का गणित भी प्रधानमंत्री ओली को परेशान कर रहा होगा.


नेपाल की संसद में कुल 275 सदस्य हैं. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के 174 और मुख्य विपक्षी दल, नेपाली कांग्रेस के खाते में 63 सीट हैं. 


ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर केपी शर्मा ओली की सरकार गिरने की नौबत आई तो वो पार्टी को तोड़ भी सकते हैं. लेकिन सवाल है कि ओली के साथ उनकी पार्टी के कितने सांसद खड़े होंगे. और क्या ओली राजनीति के प्रचंड प्रहार का सामना कर पाएंगे.


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