Kulgam Encounter: सुरक्षा बलों को इस साल के आखिरी महीने में जबरदस्त कामयाबी मिली है. सुरक्षा बलों ने गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के कड्डर इलाके में एक एनकाउंटर को अंजाम दिया है, जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर समेत पांच आतंकवादी मारे गए हैं.


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सुरक्षा बलों ने कहा था कि इलाके में संदिग्ध गतिविधि देखे जाने के बाद आतंकवादियों के एक समूह को घेर लिया गया था. घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ हुई और अभियान में पांच आतंकवादी मारे गए.


कुलगाम के रहने वाले थे आतंकी


मारे गए आतंकवादियों की पहचान सुरक्षा बलों ने फारूक अहमद भट उर्फ ​​फारूक नाली ए++ श्रेणी (9 साल से सक्रिय) मुश्ताक अहमद इटू, मोहम्मद इरफान लोन, आदिल हुसैन हजाम और यासिर जावेद भट के रूप में हुई है, जो सभी कुलगाम के निवासी हैं.


पुलिस के टॉप अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष मानव खुफिया इनपुट के आधार पर, जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और सीआरपीएफ के जरिए कुलगाम के कादर गांव में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया. 


बाहरी इलाके की पहले से थी घेराबंदी


जैसे ही आतंकवादियों को सुरक्षा बलों की गतिविधि की भनक लगी, उन्होंने एक सेब के बगीचे से भागने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने पहले ही बाहरी इलाके की घेराबंदी कर ली थी.


आतंकवादियों ने सैनिकों पर अंधाधुंध और भारी मात्रा में गोलीबारी की और सतर्क सैनिकों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की और लगभग दो घंटे तक गोलीबारी हुई, जिसमें आखिर में 5 आतंकवादी मारे गए और शुरुआती गोलीबारी में सेना के दो जवान भी घायल हो गए. उन्हें निकालकर सेना के बेस अस्पताल ले जाया गया है.


डीआईजी दक्षिण कश्मीर ने कहा कि कुलगाम गोलीबारी में मारे गए आतंकवादी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े थे. डीआईजी दक्षिण कश्मीर रेंज, जाविद इकबाल मट्टू ने कहा कि पांच आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि दो जवान घायल हैं. उनकी हालत स्थिर बताई गई है.


आतंकियों के पास से मिले 5 एके-47 राइफल


आतंकवादियों के शव बरामद किए गए. साथ ही 5 एके 47 राइफल और कुछ और हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए.


इलाके की घेराबंदी रात 12.30 बजे की गई और करीब 3.30 बजे संपर्क स्थापित हुआ जो दो घंटे तक चला. शुरुआती गोलीबारी में दो जवान घायल हो गए.


फारूक अहमद भट उर्फ ​​फारूक नाली के बारे में, हिजबुल मुजाहिदीन का सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाला और सबसे वॉन्टेड आतंकवादियों में से एक था. वह आईईडी बनाने और इस्तेमाल करने में माहिर था. इसके अलावा, आतंकी संगठन में स्थानीय लोगों की नई भर्ती में उसकी अहम भूमिका थी और वह हिजबुल को फिर से खड़ा करने में भी शामिल था.


कई हमलों का था मास्टरमाइंड


पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, फारूक नाली कई आतंकी घटनाओं में शामिल था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह नागरिकों और सुरक्षा बलों पर कई हमलों के पीछे था. अधिकारी ने कहा कि उसकी मौत पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.


20 अक्टूबर को जब सोनमर्ग और गुलमर्ग में आतंकवादी हमले हुए थे, तब से सुरक्षा बल आक्रामक कार्रवाई कर रहे हैं और अब तक इन 5 आतंकवादियों सहित 14 आतंकवादियों को मार गिराया है.