नई दिल्ली: पंजाब की सियासत पिछले 2-3 दिनों से काफी गर्माई हुई है. इस गरमी का कारण है पूर्व आप नेता कुमार विश्वास का वो बयान जिसमें उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पंजाब की वोटिंग को अब ज्यादा समय नहीं बचा है. वहां का चुनाव प्रचार भी थम गया है. लेकिन फिर भी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. अरविंद केजरीवाल की 'क्यूट सफाई' के बाद एक बार फिर कवि कुमार विश्वास ने बयान दिया है. 


बस इतना बोल दें केजरीवाल


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कुमार विश्वास ने मीडिया एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि केजरीवाल बस इतना साफ कर दें कि वे खालिस्तान के खिलाफ हैं. वे बस इतना बोलकर दिखाएं, 'मैं खालिस्तान के खिलाफ हूं'.


आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी


आपको बता दें कि 20 फरवरी को पंजाब की सभी 117 सीटों पर वोटिंग होनी है. उससे पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास का बयान काफी बड़ मुद्दा बन गया है. केजरीवाल भी उनके इस आरोप पर खूब बेहतर ढंग से कवर करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कुमार विश्वास का कहना है कि केजरीवाल स्पष्ट शब्दों में उनकी बातों को झूठा करार दें और बताएं कि पिछले चुनावों से पहले केजरीवाल का उठना-बैठना आतंकी संगठनों से जुडे लोगों के साथ था या नहीं.


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इन दो चीजों में माहिर केजरीवाल


विश्वास ने कहा, देखिए केजरीवाल की दो विशेषताएं हैं और दो चीजों में वो माहिर हैं. पहला तो बड़े आत्मविश्वास के साथ सफेद झूठ बोलना और दूसरा कि एक मासूम सूरत बनाकर ये सिद्ध करना कि पूरी दुनिया जो है उनके पीछे पड़ी हुई है. इस प्रक्रिया से उन्होंने एक समय में पूरे देश के मूर्ख बनाया, फिर हम साथियों को मूर्ख बनाया, फिर एक प्रदेश के लोगों पर डोरे डाला. यहां तक तो बात आती जाती रही, सरकार जीते या हारे लेकिन अगर कोई देश की बात थी और मुझसे अचानक से किसी इंटरव्यू में एक वाक्य निकला तो इसमें इतना परेशान होने वाली कौन सी बात है. वो आए न, बात करें यहां पर. लेकिन उन्होंने एक बार भी ये नहीं कहा.


'फ्लॉवर समझा क्या' 


कुमार विश्वास ने अपनी ही वीडियो को रिट्वीट करते हुए पुष्पा फिल्म का डायलॉग लिखा, 'फ्लॉवर समझा क्या' 



आतंकियों से केजरीवाल का नाता?


विश्वास ने कहा, मैं तो ये पूछना चाहता हूं कि आपको तो किसी ने टेररिस्ट नहीं कहा पर आप मुझे ये बताइए, देश को बताइए कि क्या पिछले चुनाव में आपके घर पर टेररिस्ट असोसिएशन से सहानुभूति रखने वाले लोग, बात कराने वाले लोग आते थे या नहीं थे?


विश्वास ने बताया आंखों देखा सच


जब मैंने उस पर आपत्ति उठाई तो मुझे पंजाब की मीटिंग से बाहर कर दिया गया था कि नहीं किया गया था? और मैंने एक बार रंगे हाथ पकड़ी थी घर पर मीटिंग. बाहर एक प्रहरी भी खड़ा था कि नहीं, नहीं, अंदर मीटिंग चल रही है. उसको धक्का दिया. हरियाणा का प्रहरी था वो. उसे कहा कि साइड हट. अंदर जाकर देखा तो वही लोग बैठे हुए थे. मैंने कहा कि किनके साथ मिलना है...कहा गया कि कुछ नहीं, कुछ नहीं, इसका बड़ा फायदा होगा, बड़ा फायदा होगा. तो वे ये बताएं. वो ये बताएंगे नहीं. बाकी सब वो तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप करते रहेंगे. 



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