नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने यह कहते हुए आप सरकार पर निशाना साधा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से निपटने में तैयारी की कमी ‘‘शासन की विफलता’’ दिखाती है. शीला ने प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए केंद्र नीत एक समिति बनाने की जरूरत पर बल दिया. शीला ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की, ‘‘घोषणाएं’’ करने, लेकिन उन पर अमल नहीं करने के लिए आलोचना की और कहा कि सरकार उपराज्यपाल के साथ अपने ‘‘मतभेदों’’ का इस्तेमाल कार्य निष्पादन नहीं करने के एक ‘‘बहाने’’ के तौर पर करती है.


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कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण संकट का अनुमान लगाने में ‘‘असफल’’ रही जबकि वह पिछले वर्ष की पुनरावृत्ति थी जब अनुमान के मुताबिक पराली जलाना वायु की खराब गुणवत्ता का एक प्रमुख कारण बना.


उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसकी आशंका नहीं थी और उसके लिए तैयार नहीं रहना शासन की एक विफलता है.’’ दीक्षित ने मुद्दे से निपटने के लिए एक समिति बनाने का आह्वान किया.


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उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अब निजी तौर पर मानना है कि भारत सरकार को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ ही दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों की एक समिति बनानी चाहिए और देखना चाहिए कि पराली जलाए जाने से पहले इस संबंध में एक तरीका खोज लिया जाए कि समस्या से (पराली जलाने से) कैसे निपटा जाए.’’ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, एक ‘‘पर्याप्त जानकार’’ समिति का गठन करना होगा जिसमें विशेषज्ञ होने चाहिए जो प्रदूषण की बढ़ती समस्या का एक हल निकाल सकें.


पराली जलाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को इसका एक विकल्प खोजने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए था. उन्होंने यह भी सुझाया कि सरकारों को मशीनें लगाने के लिए संसाधन एकत्रीकरण पर गौर करना चाहिए जो पराली को एकत्र कर सकें जिससे उसे जलाए जाने की बजाय उसका कोई अन्य इस्तेमाल हो सके.


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दीक्षित ने आप सरकार को वादे पूरे नहीं करने के लिए आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने जो काम शुरू किए थे जैसे उत्तरी दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज परियोजना, उन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है.