नई दिल्ली: भारत के सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने आज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath-Singh) को लद्दाख के ताजा हालात की जानकारी दी. इसके बाद खबर है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं.


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सेनाध्यक्ष नरवणे, लद्दाख का तीन दिन का दौरा करने के बाद गुरुवार को दिल्ली लौटे हैं. सेनाध्यक्ष ने लद्दाख में सेना के कमांडरों से विस्तार से चर्चा की है.


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22 जून की कोर कमांडर स्तर की चर्चा के बाद भावी रणनीति पर भी कमांडरों से विचार-विमर्श किया गया है. इसके अलावा उन्होंने लद्दाख की फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा किया है.


बता दें कि देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की विस्तृत समीक्षा की थी. गलवान घाटी में पिछले हफ्ते हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. पूर्वी लद्दाख में चुशूल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्डो में सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई थी और रात तक जारी रही.


गौरतलब है कि भारतीय सेना (Indian Army) ने पूर्वी लद्दाख में अपने सबसे ताकतवर T-90 भीष्म टैंक को तैनात कर दिया है और इस खबर के बाद से चीन बौखलाया हुआ है. अब चीन को अक्साई चिन गंवाने का डर सताने लगा है. ऐसे में डरा हुआ चीन LAC पर सैनिक बढ़ा रहा है. इस बीच खबर आ रही है कि भारत ने भी लद्दाख में अपनी तीन डिवीजन आर्मी तैनात कर दी है.  


अक्साई चिन भारत का हिस्सा है लेकिन अभी चीन के कब्जे में है. चीन से अक्साई चिन वापस लेने के लिए हिंदुस्तान ने बड़ी तैयारी कर ली है. भारत की इन्हीं जबरदस्त तैयारियों से चीन डर गया है. चीन अक्साई चिन गंवाने के डर से LAC पर सैनिक बढ़ा रहा है. इसी के जवाब में भारत ने लद्दाख सीमा पर अपनी तीन डिवीजन आर्मी तैनात कर दी है.  


बॉर्डर पर जैसे-जैसे चीन अपनी तैनाती बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे भारत भी अपनी ताकत बढ़ा रहा है. आपको बता दें कि 1962 के समय लद्दाख सीमा पर जहां सिर्फ 1 ब्रिगेड रहते थे (सिर्फ 2000 जवान) आज उस जगह की रक्षा के लिए 3 डिविजन मौजूद हैं. यानी लगभग 45 हजार जवान. पहाड़ी इलाकों में जो रेश्यो होता है वो है 1:12 का, यानी 45 हजार जवानों का मतलब है कि चीन को 5 लाख सैनिक लाना होंगे जो संभव नहीं है.


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