JDU की कार्यकारिणी से पहले ललन सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा? वजह लालू की पार्टी तो नहीं
Lalan Singh News: कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि ललन सिंह जेडीयू का अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं. आज उनका इस्तीफा आ गया. इसके पीछे कई तरह की वजह पता चल रही है. कहा जा रहा है कि नीतीश उन्हें हटाने वाले थे क्योंकि वह आरजेडी के करीब जा रहे थे.
JDU President Lalan Singh Resigns: वैसे तो बिहार की राजनीति में कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि जेडीयू टूट सकती है. आज एक इस्तीफे की खबर ने हलचल बढ़ा दी है. जी हां, दिल्ली में 29 दिसंबर को होने वाली JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व सहयोगी और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी पहले से आशंका जता रहे थे लेकिन कल नीतीश कुमार ने कहा कि पार्टी में सब ठीक है. हालांकि 24 घंटे के भीतर जो संकेत मिले हैं वो अच्छे नहीं कहे जा सकते. इसकी वजह उन अटकलों में भी छिपी है जो बिहार की राजनीति को समझने वाले लोग पिछले 4-5 दिन से लगा रहे हैं. जी हां, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की दिल्ली बैठक में पीएम कैंडिडेट को लेकर बात नहीं बनी तो कहा गया कि नीतीश कुमार नाराज हो गए. नीतीश का कद न बढ़ता देख पार्टी का एक बड़ा तबका भाजपा के साथ जाने का इच्छुक है. कुछ लोग तो एनसीपी और शिवसेना जैसा सीन बिहार में बनने की बात कर रहे हैं.
ललन को हटाने वाले थे नीतीश?
हां, कुछ दिन पहले से पटना में खबर उड़ने लगी थी कि नीतीश कुमार ललन सिंह को पार्टी चीफ के पद से हटा सकते हैं. तब 29 दिसंबर को दिल्ली में कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिए जाने की बात कही जा रही थी. कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार खुद पार्टी अध्यक्ष बन सकते हैं. दरअसल, नीतीश के सलाहकारों ने उन्हें सलाह दी है कि पार्टी अध्यक्ष का पद उनके पास रहेगा तो पार्टी के भीतर किसी भी तरह की अंदरूनी कलह या फूट से निपटने में मदद मिल सकती है.
वैसे, आज रामनाथ ठाकुर का नाम JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चलने लगा है. वह कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं और नीतीश के करीबी भी. वह अभी जेडीयू से राज्यसभा सदस्य हैं.
ललन से नाराज क्यों हैं नीतीश?
बताया गया था कि नीतीश कुमार ललन सिंह के रवैये से नाराज चल रहे हैं. खासतौर से ललन की आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव से बढ़ती नजदीकी नीतीश की चिंता बढ़ा रही थी. खबर यह भी मिल रही थी कि ललन सिंह 2024 का लोकसभा चुनाव फिर से मुंगेर से लड़ना चाहते हैं और हो सकता है कि वह RJD के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरें. नीतीश को यह भी खबर मिली थी कि ललन सिंह विपक्षी गठबंधन के घटक दलों के साथ ठीक तरह से समन्वय नहीं कर रहे थे.
इस्तीफा बड़े 'बगावत' की शुरुआत तो नहीं
बताया जा रहा है कि ललन सिंह का इस्तीफा आरजेडी से बढ़ती उनकी नजदीकियों और पार्टी नेताओं के बीच अंदरूनी फाइट के कारण हो सकता है.
कहा तो यह भी जा रहा है कि ललन समेत कुछ नेता चाहते हैं कि महागठबंधन चलता रहे लेकिन जेडीयू का दूसरा गुट भाजपा के साथ जाने के पक्ष में है.
अटकलबाजी यहां तक है कि नीतीश भी भाजपा के साथ जाने के मूड में हैं लेकिन भाजपा ने शर्त रख दी है कि अब उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा क्योंकि भाजपा काडर उन्हें सीएम नहीं देखना चाहता है.
इसका दूसरा पक्ष नीतीश के हवाले से कहा जा रहा है. चर्चा है कि नीतीश सुशील मोदी को सीएम पद देने के लिए राजी हैं लेकिन भाजपा नया चेहरा उतारना चाहती है.