नई दिल्ली: चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद को दोषी करार दिये जाने के बाद शनिवार (23 दिसंबर) को भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि संप्रग ‘‘भ्रष्टाचार का गठबंधन’’ है. लालू संप्रग के कार्यकाल के दौरान उसके सहयोगी थे. खुद को दोषी ठहराये जाने के पीछे भाजपा की साजिश के लालू प्रसाद के दावे को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि ये मामले तब शुरू हुए थे जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में था. उन्होंने हैरानी जतायी कि आखिर इस मामले में उनकी पार्टी की क्या भूमिका है.


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उन्होंने कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों की संलिप्तता वाले भ्रष्टाचार के अन्य मामलों का भी हवाला दिया और दावा किया कि उनका गठबंधन ‘‘भ्रष्टाचार का गठबंधन’’ है और इसका पूरी तरह खुलासा हो चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘यह साबित हो गया है कि लालू प्रसाद भ्रष्टाचार में संलिप्त थे और यह फैसला अदालत का है. आखिर भाजपा की इसमें क्या भूमिका है? जब ये तमाम कार्रवाइयां हुईं तो तब कांग्रेस और लालू प्रसाद की पार्टी के बीच गठबंधन था.’’ भाजपा के वरिष्ठ नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सत्ता से हटने के तीन साल बाद भी अब तक उनके खिलाफ एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं और अदालतें उन पर अभियोग लगा रही हैं तथा दोषी ठहरा रही हैं. इसलिए यह सिर्फ उनकी करनी का फल है.’’ 


चारा घोटाला : लालू, जगदीश शर्मा, राणा सहित 16 दोषी करार, जेल भेजे गये
चारा घोटाले के एक मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद, पूर्व सांसदों आर के राणा और जगदीश शर्मा एवं कई आईएएस अधिकारियों सहित 16 आरोपियों को शनिवार (23 दिसंबर) को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया. अदालत तीन जनवरी को दोषियों के खिलाफ सजा सुनाएगी. वहीं इस मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत सहित छह लोगों को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी कर दिया. अदालत के फैसले के बाद दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया.


नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से संबंधित देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े इस मुकदमे में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने शाम पौने चार बजे फैसला सुनाया. उन्होंने सबसे पहले इस मामले में मिश्रा, निषाद, भगत, चौधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया.


अदालत ने इसके बाद मामले के 22 आरोपियों में से शेष सभी 16 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें हिरासत में लेकर बिरसामुंडा जेल भेजने का निर्देश दिया. सजा सुनाये जाते ही लालू, शर्मा, आईएएस अधिकारी बेक जूलियस सहित अनेक लोगों के चेहरे पर मायूसी छा गई. उनके अनेक रिश्तेदारों एवं मित्रों की आंखें भी डबडबा गयीं.


(इनपुट एजेंसी से भी)