नई दिल्‍ली : समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार से केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। अन्ना आज हरियाणा के पलवल में ‘किसान अधिकार चेतावनी सत्याग्रह’ पदयात्रा का शुभारंभ करेंगे। इसके लिए पलवल में बड़ी संख्या में लोग जुटने लगे हैं। अन्‍ना के निशाने पर मोदी सरकार का जमीन अधिग्रहण बिल है। अन्ना किसानों को साथ लेकर आज हरियाणा के पलवल से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। 23 फरवरी को दिल्ली पहुंचने के बाद अन्ना जंतर-मंतर पर अनशन करेंगे।


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अन्ना पलवल से लोगों को पदयात्रा के लिए हरी झंडी दिखाएंगे और फिर 24 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अन्ना की मौजूदगी में इस अध्यादेश के खिलाफ प्रदर्शन होगा। एकता परिषद के बैनर तले हो रही इस यात्रा का मकसद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को रद्द कराना है। सामाजिक कार्यकर्ता और एकता परिषद के संस्थापक पीवी राजगोपाल ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो अन्ना हजारे के नेतृत्व में इस विषय पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।


राजगोपाल ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आगामी 24 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन सरकार को ‘चेतावनी’ होगी, लेकिन अगर इस ‘किसान विरोधी’ अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया तो अन्ना हजारे के नेतृत्व में इस मुद्दे पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। राजगोपाल ने हम चाहते हैं कि सरकार इस किसान विरोधी अध्यादेश को वापस ले। अगर सरकार ने इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो फिर अन्ना हजारे के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी आंदोलन होगा। अन्ना जी और हम लोग देश भर में घूमकर इस मुद्दे पर किसानों को एकजुट करने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि वे लोग इस मामले पर सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। अगर सरकार हमें बातचीत के लिए बुलाती है तो हम लोग जरूर जाएंगे।


भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन में कई किसान संगठनों के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, अरूणा रॉय, बाल विजय, स्वामी अग्निवेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान, उदय कुमार, राजेन्द्र सिंह और कई दूसरे लोग समर्थन कर रहे हैं।


गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधनों को लेकर एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी। हाल में अन्ना ने इस अध्यादेश को किसानों के खिलाफ बताया था और इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की थी।