नई दिल्‍ली: दिल्‍ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र के बीच शराब घोटाले की जांच को लेकर चल रही तनातनी के बीच दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव नरेश कुमार चर्चा में आ गए हैं. ये वही नरेश कुमार हैं जो कुछ समय पहले दिल्‍ली सरकार को बाईपास कर सर्विस संबंधी फाइलें सीधे एल जी वीके सक्‍सेना को भेजने के कारण सुर्खियां बटोर चुके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ताजा मामला एनएचएआई द्वारा द्वारका एक्‍सप्रेसवे के लिए अतिरिक्‍त मूल्‍यों में जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है. ये जमीनें दिल्‍ली के दो बिजनेसमैन से अधिग्रहीत की गई हैं. इनमें से एक का नाता वैवाहिक संबंधों के आधार पर एक रिएलटी फर्म से है. गौरतलब है कि इसी रिएलटी फर्म में नरेश कुमार के पुत्र कार्यरत हैं. इस कारण व्‍यावसायिक हित टकराने का मामला बनता प्रतीत हो रहा है. हालांकि चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने इससे जुड़े किसी भी आरोप में अपनी किसी भी प्रकार की कथित भूमिका से इनकार किया है.


क्‍या है मामला?
दरअसल इस साल मई में साउथ वेस्‍ट दिल्‍ली के डीएम ने रोड प्रोजेक्‍ट के लिए बमनोली गांव की 19 एकड़ जमीन के लिए दो लोगों को 353 करोड़ का भुगतान किया. प्रति एकड़ 18.54 करोड़ में ये जमीन खरीदी गई. एनएचएआई के द्वारका एक्‍सप्रेसवे के लिए इस जमीन को अधिग्रहीत किया गया.


इस मामले में कहा जा रहा है कि डीएम हेमंत कुमार ने 2018 के एक निर्णय को बदलते हुए ये फैसला किया. उस मामले में एडिशनल डिस्ट्रिक्‍ट मजिस्‍ट्रेट इसी जमीन के टुकड़े की कीमत 41.52 करोड़ रुपये आंकी थी. उस वक्‍त इसका रेट प्रति एकड़ 53 लाख रुपये निर्धारित किया गया था. इस बढ़ाई गई लागत को IAS हेमंत कुमार ने मंजूरी दी, जो 40 दिनों के बाद मुख्य सचिव बने नरेश कुमार के बाद साउथवेस्ट दिल्ली के DM के पद पर तैनात थे.


यानी इस तरह उसी जमीन को नौ गुना अधिक रेट पर खरीदा गया. इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि पहले यह कृषि भूमि थी जिस कारण इसके रेट कम थे लेकिन अब यह कम आबादी वाले रेजिडेंशियल एरिया में तब्‍दील हो गई है. लिहाजा नई परिस्थितियों के मुताबिक अधिक मूल्‍य पर इसको खरीदा गया.


अनंतराज लिमिटेड और करण चौहान
ये जमीन वास्‍तव में सुभाष चंद्र कथूरिया और उनके भाई विनोद कथूरिया की है. अतिरिक्ति दरों पर जमीन खरीदे जाने के कारण इनको सीधा लाभ मिला. सुभाष कथूरिया, अमन सरीन के ससुर हैं और अमन रिएलिटी फर्म अनंतराज लिमिटेड के प्रमोटर हैं. अमन सरीन के दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव के बेटे करण चौहान के साथ करीबी बिजनेस संबंध हैं. करण चौहान अनंतराज लिमिटेड में कार्यरत हैं और इसके अतिरिक्‍त वह तीन अन्‍य कंपनियों में भी निदेशक हैं. इनमें से कुछ अनंतराज से जुड़ी हैं. यहीं से ये मामला संभावित व्‍यवसायिक हितों के टकराव का बनता है.


जमीन के मूल्‍यों में फेरबदल इसी 15 मई को किया गया. एनएचएआई ने तुरंत ही इस मामले का संज्ञान लिया. वह डीएम के फैसले के खिलाफ इस आधार पर दिल्‍ली हाई कोर्ट गई क्‍योंकि इस फैसले के कारण जमीन के दाम अचानक बढ़ गए और उसका असर उसके अन्‍य रोड प्रोजेक्‍ट पर पड़ा. कैग की हालिया रिपोर्ट में भी द्वारका एक्‍सप्रेसवे में जमीनों के बढ़े हुए रेटों को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं.