बेलगावी: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से राज्य विधान सभा के जारी शीतकालीन सत्र के दौरान धर्मांतरण रोधी विधेयक पेश करने की संभावना है. इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने अगले हफ्ते सदन की कार्यवाही में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेने को लेकर शुक्रवार को अपने सदस्यों को ‘व्हिप’ जारी किया.


कांग्रेस विधायकों को दिए निर्देश


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विधान सभा का मौजूदा सत्र यहां 13 दिसंबर को शुरू हुआ था और 24 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम है. अगले हफ्ते अत्यधिक सार्वजनिक महत्व के विषय चर्चा के लिए आने का जिक्र करते हुए विधान सभा में विपक्ष के चीफ व्हिप अजय धरम सिंह की ओर से व्हिप जारी किया गया. इसमें कांग्रेस के सभी सदस्यों को 20 से 24 दिसंबर तक की कार्यवाही में, शुरू से अंत तक, अनिवार्य रूप से हिस्सा लेने को कहा गया है.


राज्य विधान सभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस पार्टी धर्मांतरण रोधी विधेयक पारित नहीं होने देगी. प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी विधेयक का ईसाई समुदाय भी विरोध कर रहा है.


कैसा होगा सरकार का विधेयक?


आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित विधेयक सोमवार को कैबिनेट के सामने आने की उम्मीद है. वहां इसे मंजूरी मिलने के बाद विधान सभा और विधान परिषद मे पेश किये जाने की संभावना है.


विधेयक में दंडनीय प्रावधान किये जाने की उम्मीद है. विधेयक में इस पर भी जोर दिया जा सकता है कि कोई अन्य धर्म अपनाने की इच्छा करने वाले व्यक्ति को दो महीने पहले डिप्टी कमिश्नर के पास आवेदन देना होगा. साथ ही, धर्मांतरण करने की इच्छा करने वाला व्यक्ति अपने मूल धर्म को और उसमें मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य सुविधाओं को खो देगा.


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कांग्रेस ने यह संकेत भी दिया है कि वह भूमि हड़पने के एक मामले में एक मंत्री की कथित संलिप्तता पर चर्चा कराने की मांग वह जारी रखेगी और मंत्री को बर्खास्त करने का मुद्दा भी लगातार उठाती रहेगी.


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