नई दिल्ली: राज्यसभा में दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) पर आज बहस हो रही है.इस दौरान जहां विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा वहीं सता पक्ष के सदस्यों ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया.  


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बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह एक विचित्र दंगा था क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ कि कोई विदेशी राज्याध्यक्ष भारत में था और दंगा हो गया. त्रिवेदी ने कहा कि यह एकमात्र ऐसे दंगे हुए जिनमें विपक्षी नेताओं द्वारा शांति की अपील नहीं हुई उल्टा भड़काने वाले बयान दिए गए.


बहस के दौरान सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस (congress) सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने कहा कि भड़काऊ बयान देने वालों पर अब तक एफआईआर नहीं की.  कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि दिल्ली जल रही थी और प्रधानमंत्री 70 घंटों तक चुप थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग नफरत का वायरस फैला रहे है.


सिब्बल ने कहा कि कई जगह पर पुलिस CCTV कैमरे तोड़ती हुई नज़र आई। इससे साफ होता है कि जो हिंसा में शामिल थे उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही थी। जिन लोगों का दंगों से कुछ लेना देना नहीं था ऐसे लोगों की मौतें भी हुईं। दिल्ली पुलिस किसके इशारों पर काम कर रही थी. 


इससे पहले निचले सदन लोकसभा में भी बुधवार को इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई थी. ध्यान रहे कि राज्यसभा में विपक्ष ने दिल्ली हिंसा पर बुधवार को ही चर्चा कराने की मांग की थी. विपक्ष खत्म हो रहे दो अध्यादेशों पर भी चर्चा चाहता था. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा समेत तृणमूल के सांसदों ने दिल्ली हिंसा पर बुधवार को चर्चा का प्रस्ताव दिया था.