पंचतत्व में विलीन हुए रतन टाटा, नम आंखों से पूरे देश ने दी अंतिम विदाई
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है. उन्होंने बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी. पीएम मोदी समेत देश दुनिया के लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. उनका गुरुवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया.
दिग्गज बिजनेसमैन और उद्योग जगत के टाइटन रतन टाटा की आवाज बुधवार रात हमेशा के लिए शांत हो चुकी है. उनके निधन ने पूरी दुनिया को गहरा दुख दिया है. पीएम मोदी समेत देश दुनिया के लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. रतन टाटा का पार्थिव शरीर NCPA ग्राउंड में रखा गया था, जहां साढ़े 3 बजे तक जनता ने उनके दर्शन किए. इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.
नवीनतम अद्यतन
भारत भुगतान प्रणालियों को जोड़ने में आसियान देशों की मदद करेगा
भारत आधार और यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) के इस्तेमाल से जुड़े अपने अनुभव और ज्ञान को आसियान देशों के साथ साझा करेगा. बृहस्पतिवार को एक संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई. इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि एवं जलवायु परिवर्तन में विविध चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोग की संभावना भी तलाशी जाएगी.
विएंतियान में आयोजित 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने कहा कि वे नवाचारी डिजिटल समाधानों के जरिये आसियान और भारत में भुगतान प्रणालियों के बीच सीमापार संबंधों के सहयोग की संभावना तलाशेंगे. दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर एक संयुक्त बयान भी जारी किया. बयान में क्षेत्र में शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा, समुद्री परिवहन और उड़ान की स्वतंत्रता तथा समुद्र के अन्य वैध उपयोगों को बनाए रखने और बढ़ावा देने के महत्व की पुष्टि की गई. इसमें निर्बाध वैध समुद्री वाणिज्य और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देना शामिल है.
इस शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी संबोधित किया. मोदी ने अपने समापन भाषण में कहा, ‘‘डिजिटल परिवर्तन और हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए हमने जो दो संयुक्त वक्तव्य अपनाए हैं, वे भविष्य में हमारे सहयोग के लिए आधार तैयार करेंगे.’’ इस शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देशों के नेताओं ने शिरकत की. यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब क्षेत्र दक्षिण चीन सागर में समुद्री मुद्दों और म्यांमा में संकट को लेकर फिलिपीन और चीन के बीच तनाव देख रहा है.
भारत और आसियान देशों ने वित्त-प्रौद्योगिकी नवाचारों के लिए राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच साझेदारी की संभावना तलाशने और डिजिटल वित्तीय समाधानों समेत डिजिटल समाधानों का समर्थन करने पर भी सहमति जताई. भारत के डिजिटल सार्वजनिक ढांचे में पहचान (आधार), भुगतान (यूपीआई) और डेटा प्रबंधन (डिजिलॉकर) की तिकड़ी शामिल है. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की पहल में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और टेली-मेडिसिन के लिए ई-संजीवनी शामिल हैं. दोनों पक्षों ने कहा कि वे डिजिटल अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए साइबर सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने के पक्ष में हैं.
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘जैसे-जैसे हम धीरे-धीरे बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं की ओर बढ़ रहे हैं, हम डिजिटल बुनियादी ढांचे और सेवाओं की सुरक्षा और लचीलापन सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे.’’ दोनों पक्षों ने कृत्रिम मेधा (एआई) प्रगति की क्षमता का दोहन करने के लिए एआई प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों का प्रभावी और जिम्मेदारी से लाभ उठाने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल, बुनियादी ढांचे, जोखिम प्रबंधन ढांचे और नीतियों के विकास में सहयोग का समर्थन करने पर भी सहमति व्यक्त की. आसियान के सदस्यों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया शामिल हैं.
'उनकी पार्टी है, वे प्रत्याशी उतारेंगे', सपा के प्रत्याशी उतारने पर बोले संजय निषाद
निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने की समाजवादी पार्टी की घोषणा पर गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी है, तो वे प्रत्याशी उतार सकते हैं.
संजय निषाद ने कहा, “कोई बात नहीं, उतारने दीजिए, कुछ दिन बाद हम भी प्रत्याशियों की घोषणा करेंगे. हम लोग इस संबंध में बैठक करेंगे, जिसमें आगे क्या कदम उठाने हैं, उस पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श करेंगे.”
संजय निषाद ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत पर भी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने कहा कि यह कार्यकर्ताओं की जीत है, जिन्होंने धरातल पर पार्टी को मजबूत करने का काम किया और भाजपा सरकार की उपलब्धियों को आम जनता के बीच पहुंचाया.
उन्होंने कहा, “संविधान विरोधी, संविधान का मजाक बनाने वाले, संविधान के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों की हार हुई है.”
कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाने पर संजय निषाद ने कहा, "वे लोग तो सवाल उठाते ही रहेंगे. पहले ईवीएम पर सवाल उठाते थे. अब चुनाव आयोग पहुंच गए हैं. मैं तो कहूंगा कि जहां से इनके उम्मीदवार जीते हैं, वहां से इस्तीफा दे दें, अगर इतनी ही दिक्कत हो रही है. कांग्रेस की यह आदत हो चुकी है कि वह जहां भी चुनाव हारती है, वहां पर सवाल उठाने लग जाती है.
प. बंगाल की दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था में 20-30 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान
जीवंत दुर्गा पूजा उत्सवों के लिए प्रसिद्ध राज्य पश्चिम बंगाल में इस वर्ष के पूजा समारोह पर आरजी कर अस्पताल में कथित बलात्कार और हत्या जैसी घटना की स्पष्ट छाया मंडराती दिख रही है. राज्य की अर्थव्यवस्था के आधार और सामुदायिक भावना के प्रतीक इस त्योहार के द्वारा पिछले साल की तुलना में आर्थिक प्रभाव के स्तर पर 20-30 प्रतिशत की भारी गिरावट का का अनुमान है. यह मंदी काफी हद तक आर जी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या की घटना के कारण है, जिसने पूरे राज्य पर एक शोक छाया डाल दी है, जिससे इस उत्सव के साथ होने वाले आम हर्षोल्लास का माहौल फीका पड़ गया है. यह त्योहार एक प्रमुख आर्थिक चालक है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम एक-तिहाई का योगदान देता है. यह खुदरा, आतिथ्य और हस्तशिल्प सहित विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करता है. अर्थशास्त्री और उद्योग विशेषज्ञ कई मुद्दों की ओर इशारा करते हैं, जो इस भावना को कमज़ोर कर रहे हैं. आर जी कर की घटना ने व्यापक विरोध और आक्रोश को जन्म दिया, जिससे बेचैनी की भावना व्याप्त हो गई. इसके अतिरिक्त भ्रष्टाचार के आरोपों सहित शासन संबंधी चिंताओं और अन्य मुद्दों ने उपभोक्ता विश्वास को और कम कर दिया है. अर्थशास्त्री सुमन के मुखर्जी ने कहा, ‘‘हवा चली गई है. इस साल, पूजा अर्थव्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है और इसका असर स्पष्ट है. शासन संबंधी मुद्दों और सभी क्षेत्रों में व्यापक भ्रष्टाचार के कारण लोग उदास हैं.
साहित्य का नोबेल पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को
इस वर्ष साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग (53) को चुना गया है. नोबेल समिति ने बृहस्पतिवार को इसकी घोषणा की. स्वीडिश अकादमी की नोबेल समिति के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने यहां इस पुरस्कार की घोषणा की. नोबेल समिति के अनुसार हान कांग के ‘गहन काव्यात्मक गद्य के लिए" यह सम्मान दिया जाएगा जिसमें ऐतिहासिक आघातों और मानव जीवन की नाजुकता को रेखांकित किया गया है.
नोबेल समिति के अध्यक्ष एंडर्स ओल्सन ने अपने पात्रों खासकर कमजोर महिलाओं के प्रति सहानुभूति के लिए हान की सराहना की. ओल्सन ने कहा, ‘‘शरीर और आत्मा, जीवित और मृत के बीच के संबंधों के बारे में उनकी चेतना अनूठी है, और अपनी काव्यात्मक एवं प्रयोगात्मक शैली में वह समकालीन गद्य की प्रणेता हैं." नोबेल साहित्य समिति की सदस्य अन्ना-करिन पाम ने कहा कि हान "व्यापक पद्यात्मक गद्य लिखती हैं जो कोमल और निर्मम दोनों है, और कभी-कभी वह थोड़ा अतियथार्थवादी भी है." हान नोबेल साहित्य पुरस्कार जीतने वाली पहली एशियाई महिला और दक्षिण कोरिया की पहली साहित्यकार हैं.
वह नोबेल पुरस्कार जीतने वाली दूसरी दक्षिण कोरियाई नागरिक हैं. इससे पहले दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति किम दाए-जंग को 2000 में शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें दक्षिण कोरिया में लोकतंत्र बहाल करने और प्रतिद्वंद्वी देश उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया था. हान को 2016 में उनकी कृति "द वेजिटेरियन" के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
"द वेजिटेरियन" एक उपन्यास है जिसमें एक महिला के मांस खाना बंद करने के फैसले के विनाशकारी परिणाम होते हैं. उस पुरस्कार की घोषणा के बाद हान ने कहा था कि उपन्यास लिखना "मेरे लिए सवाल पूछने का एक तरीका है. मैं अपने लेखन की प्रक्रिया के जरिए अपने सवालों को पूरा करने की कोशिश करती हूं और मैं सवालों में रहने की कोशिश करती हूं, कभी-कभी दर्दनाक, कभी-कभी - अच्छा - कभी-कभी चुनौतीपूर्ण.’’ उनका उपन्यास "ह्यूमन एक्ट्स" 2018 में अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए अंतिम सूची में शामिल किया गया था.
हान का साहित्यिक सफर 1993 में बतौर कवि उनकी पहली किताब के प्रकाशन के साथ आरंभ हुआ था. उसके बाद उनका पहला लघु कहानी संग्रह अगले वर्ष प्रकाशित हुआ और उनका पहला उपन्यास "ब्लैक डियर" 1998 में प्रकाशित हुआ. उनका नवीनतम उपन्यास, "वी डू नॉट पार्ट" अगले वर्ष अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाला है. नोबेल साहित्य सम्मान की लंबे समय से आलोचना होती रही है. आलोचकों की दलीलें हैं कि इसमें कहानियों से ज्यादा शैली पर जोर दिया जाता है और यह यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी लेखकों पर बहुत अधिक केंद्रित है.
इसके साथ ही इस सम्मान के पुरुष-प्रधान होने का भी आरोप लगता रहा है. अब तक 119 लेखकों को यह सम्मान दिया गया है जिनमें महिलाओं की संख्या सिर्फ 17 है. इससे पहले 2022 में फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स को यह सम्मान दिया गया था. इस साल के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार से शुरू हुई. अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा सोमवार को की गई.
मंगलवार को जॉन होपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली खोजों के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई. बुधवार को डेविड बेकर, डेमिस हस्साबिस और जॉन जंपर को रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गयी. शांति के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के लिए इस सम्मान की घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी. विजेताओं को पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को एक समारोह में सम्मानित किया जाएगा.
कौन होगा रतन टाटा का उत्तराधिकारी?
भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का बुधवार देर रात 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से उद्योग जगत के साथ-साथ पूरे देश में शोक का माहौल है. उन्हें एक कारोबारी के अलावा परोपकारी के तौर पर भी जाना जाता है.
वे अपने पीछे बड़ी विरासत छोड़ गए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि उनके जाने के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा और टाटा ट्रस्ट की कमान कौन संभालगे, जो कि अरबों डॉलर के टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस का संचालन करती है.
रतन टाटा ने किसी भी व्यक्ति को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था. ऐसे में अब उनके ट्रस्ट ट्रस्टियों में से ही किसी एक व्यक्ति का अध्यक्ष पद के लिए चुनाव किया जाएगा. टाटा समूह के दो मुख्य ट्रस्ट हैं, जिसमें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट शामिल हैं. इन दोनों ट्रस्टों के पास संयुक्त रूप से टाटा समूह की प्रवर्तक कंपनी टाटा संस में करीब 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
इस कंपनी के द्वारा टाटा समूह की कंपनियों का संचालन किया जाता है. यह समूह विमानन से लेकर एफएमसीसी तक के पोर्टफोलियो को संभालता है. दोनों ट्रस्टों में कुल 13 ट्रस्टी हैं. इनमें से कुछ लोग दोनों ट्रस्टों में ट्रस्टी की भूमिका निभा रहे हैं, जिसमें रतन टाटा के सौतेले भाई और ट्रेंट के चेयरमैन नोएल टाटा, पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के दिग्गज वेणु श्रीनिवासन, व्यवसायी मेहली मिस्त्री और वकील डेरियस खंबाटा के नाम शामिल हैं.
टाटा ट्रस्ट के प्रमुख का चुनाव ट्रस्टियों में से बहुमत के आधार पर किया जाता है. फिलहाल विजय सिंह और वेणु श्रीनिवास इन दोनों ट्रस्टों के उपाध्यक्ष हैं,
लेकिन इनमें से किसी एक के प्रमुख चुने जाने की संभावना अपेक्षाकृत कम है. 67 साल के नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का प्रमुख बनाए जाने की अधिक संभवाना है. नोएल की नियुक्ति से पारसी समुदाय भी खुश होगा. रतन टाटा पारसी थे. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि ग्रुप का नेतृत्व एक पारसी ही करे. इस ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2023 में 470 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया था.
रतन टाटा पंचतत्व में विलीन
रतन टाटा पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनका वर्ली में एक श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान से साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान भारी तादाद में लोग मौजूद थे, जिन्होंने नम आंखों से सबसे बड़े दानवीर को अंतिम विदाई दी.
कुछ देर में होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार
उद्योगपति रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए वर्ली स्थित शवदाह गृह लाया गया और मुंबई पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस दौरान मध्य मुंबई स्थित शवदाह गृह में उपस्थित थे. शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘रतन टाटा जी के दुखद निधन पर शोक जताने वाले लाखों भारतीयों में शामिल हूं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से टाटा के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र भी अर्पित किया.’’ उन्होंने कहा कि टाटा को हमेशा देशभक्ति और एकता के प्रकाशपुंज के रूप में याद किया जाएगा. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘रतन टाटा जी की विरासत आने वाले लंबे समय तक देश के औद्योगिक क्षेत्र का नेतृत्व करने वालों का मार्गदर्शन करती रहेगी.’’ टाटा के पार्थिव शरीर को दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय कला प्रदर्शन केंद्र (एनसीपीए) में जनता के अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10.30 बजे से अपराह्न 3.55 बजे तक रखा गया जहां विभिन्न वर्गों के हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे
....जब सुबह की सैर पर किया वादा निभाया रतन टाटा ने
बात 1992 की है. मुंबई के यूनाइटेड सर्विसेस क्लब में कुछ दूरी से ‘हाय कैप्टन’ के अभिवादन की आवाज आती थी और उद्योगपति रतन टाटा तथा सेना के युवा कैप्टन विनायक सुपेकर साथ-साथ टहलते हुए गुफ्तगू करते थे, अपने किस्से साझा करते थे. उस घटनाक्रम के 32 साल बाद जब देश रतन टाटा के निधन पर शोक मना रहा है, कर्नल सुपेकर (सेवानिवृत्त) उनके साथ अपनी बातचीत को याद करते हैं. टाटा का बुधवार रात शहर के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे.
सुपेकर उस समय महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजरन जनरल बी जी शिवले के एड-डि-कैंप (सहायक) थे. सुपेकर बताते हैं कि उन्होंने समुद्र किनारे क्लब के रास्ते पर चहलकदमी करने के दौरान टाटा के साथ एक बातचीत में अपने एक सहयोगी के बेटे का विषय उठाया था. सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी अब पुणे में रहते हैं. उन्होंने पुणे से फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘मैंने सर (रतन टाटा) से कहा कि एक साथी सैन्य अधिकारी का बेटा कमर से नीचे से विकलांग है और उसे नौकरी की जरूरत है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र के मुख्यालय में मेरे तत्कालीन सहयोगी लेफ्टिनेंट कर्नल बी एस बिष्ट का बेटा विजय विष्ट एक घोड़े से गिरकर बुरी तरह घायल हो गया था और उसके पैरों में गंभीर चोट आई थीं. मुझे पता चला था कि वह नौकरी की तलाश कर रहा है.’’ सुपेकर के मुताबिक टाटा ने कहा कि जो भी जरूरी होगा, करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘अगली सुबह विजय को दक्षिण मुंबई स्थित टाटा समूह के मुख्यालय बंबई हाउस से फोन आया और प्रशासनिक सेक्शन में काम पर आने को कहा गया.’’ रतन टाटा ने इस घटना के एक साल पहले ही अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह की कमान संभाली थी.सुपेकर ने कहा, ‘‘कोलाबा में सेना का एक पशु चिकित्सालय था और रतन टाटा अपने कुत्ते को नियमित जांच के लिए वहां ले जाते थे. एक बार, एक साथी सैन्य अधिकारी ने टाटा को धैर्यपूर्वक कतार में अपनी बारी का इंतजार करते देखा. अधिकारी, जो मेरे एक दोस्त थे, उन्होंने उनसे कतार से बाहर निकलकर आगे जाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने विनम्रता से मना कर दिया.’’ उन्होंने कहा कि सैन्य अधिकारी इतने बड़े उद्योगपति की ऐसी विनम्रता देखकर हैरान रह गए.
सुपेकर ने बताया कि टाटा ने एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के अनुरोध पर सियाचिन में 403 फील्ड अस्पताल को एक सीटी स्कैन मशीन प्रदान की थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह मशीन सियाचिन के जवानों, नुबरा और श्योक घाटियों में रहने वाले आम नागरिकों तथा पर्यटकों के लिए वरदान साबित हुई और इसने कई बेशकीमती जान बचाने में मदद की.’’ साल 1992 के बाद सुपेकर और टाटा की फिर कभी मुलाकात नहीं हुई. हालांकि पूर्व सैन्य अधिकारी को इस पर अफसोस नहीं है. वह कहते हैं कि उस एक साल में ही उन्हें सर रतन टाटा का भरपूर स्नेह मिला.
ब्रिटेन के मंत्री ने दी रतन टाटा को श्रद्धांजलि
ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें उद्योग जगत का ‘‘रत्न’’ बताया और कहा कि टाटा ने ब्रिटिश उद्योग को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बुधवार रात टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा के निधन की खबर सामने आने के तुरंत बाद मंत्री ने सोशल मीडिया पर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी. टाटा को मुंबई स्थित अपनी कंपनी को ब्रिटेन में सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक के रूप में प्रतिष्ठा दिलाने का श्रेय दिया जाता है. टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही बहुराष्ट्रीय कंपनी ने ब्रिटेन में कई उच्च-स्तरीय अधिग्रहण किए - जिसमें एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस, लक्जरी कार ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर (जेएलआर) तथा प्रसिद्ध वैश्विक चाय ब्रांड टेटली का अधिग्रहण शामिल था.
श्मशान घाट लाया गया रतन टाटा का पार्थिव शरीर
रतन टाटा का पार्थिव शरीर वर्ली के श्मशान घाट लाया जा चुका है. कुछ देर में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
परिवार समेत रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे मुकेश अंबानी
उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बृहस्पतिवार दोपहर अपने परिवार के सदस्यों के साथ एनसीपीए में रतन टाटा को अंतिम श्रद्धांजलि दी. अंबानी अपनी पत्नी नीता, पुत्र आकाश और बहू श्लोका के साथ श्रद्धांजलि देने पहुंचे. एनसीपीए में आखिरी दर्शन के लिए टाटा का पार्थिव शरीर रखा गया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से अपनी संवेदना प्रकट की. अंबानी परिवार ने रतन टाटा के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद में उन्हें राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र (एनसीपीए) में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत करते देखा गया.
'रतन टाटा का योगदान भुलाया नहीं जा सकता'
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बृहस्पतिवार को प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि देश के विकास एवं भारत की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. वह पिछले कुछ दिनों से ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे. नड्डा ने एक बयान में कहा, ‘‘पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराने वाले भारत के औद्योगिक दिग्गज और परोपकार के प्रतीक रतन टाटा जी के निधन से गहरा दुःख हुआ.’’ उन्होंने कहा कि औद्योगिक जगत के साथ-साथ समाज के लिए उनके द्वारा किये गए उल्लेखनीय योगदान ने देश और पूरी दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उन्होंने कहा, ‘‘वह न केवल उद्योग जगत के एक आइकन एवं प्रमुख स्तंभ थे बल्कि विनम्रता, ईमानदारी और करुणा के भी पर्याय थे. देश के विकास एवं भारत की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.’’
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Amit Shah tribute ratan Tata: गृह मंत्री अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
गृह मंत्री अमित शाह ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने मुंबई पहुंचे. उन्होंने एनसपीए लॉन में रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान था.
रतन टाटा के अंतिम दर्शन के लिए NCPA ग्राउंड में सितारों का संगम, शाम को होगा अंतिम संस्कार
NCPA ग्राउंड पर रतन टाटा के अंतिम दर्शन के लिए सितारों का संगम लगा हुआ है. नेता अभिनेता से लेकर अन्य क्षेत्र के हस्तियां उनके दर्शन के लिए पहुंच रही हैं. साढ़े तीन बजे तक लोग दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद रतन टाटा के पार्थिव शरीर को वर्ली के पारसी श्मशान भूमि लाया जाएगा. सबसे पहले पार्थिव शरीर को प्रेयर हॉल में रखा जाएगा. हॉल में करीब 200 लोग मौजूद रह सकते हैं. प्रार्थना लगभग 45 मिनट तक होगी. इसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारी होगी.
महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में श्रद्धांजलि, रतन टाटा को 'भारत रत्न' देने की मांग का प्रस्ताव पारित
महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में दिवंगत रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई. इसी के साथ देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के लिए केंद्र से अनुरोध करने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया है.
RBI गवर्नर शशिकांत दास ने दी श्रद्धांजलि
शरद-पवार और सुप्रिया सुले भी पहुंचे
एनसीपी SCP प्रमुख शरद पवार और सुप्रिया सुले ने मुंबई के एनसीपीए मैदान में रतन टाटा को अंतिम श्रद्धांजलि दी.
रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह
इसी बीच यह जानकारी सामने आई है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उद्योगपति रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. बताया गया कि भारत सरकार की ओर से शाह रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. गृह मंत्री रतन टाटा के अंतिम संस्कार के लिए मुंबई जाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए लाओस दौरे पर हैं.
NCPA ग्राउंड में रखा गया पार्थिव शरीर, दस बजे से साढ़े 3 बजे तक लोग कर सकेंगे अंतिम दर्शन
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को नरीमन ग्राउंड के NCPA ग्राउंड में रखा गया. यहां पर लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान भारी भीड़ दिखाई दे रही है. लोग रतन टाटा को नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
साढ़े 3 बजे तक आम लोग कर सकेंगे रतन टाटा के अंतिम दर्शन, NCPA में रखा जाएगा पार्थिव शरीर
रतन टाटा के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) मुंबई में रखा जाएगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बयान में कहा गया है कि उनका पार्थिव शरीर एनसीपीए में सुबह दस बजे से शाम 3.30 बजे तक आम लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा. उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है.
झारखंड और महाराष्ट्र में एक दिन का शोक
रतन टाटा के निधन पर पूरा देश उन्हें आखिरी सलाम कर रहा है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने गुरुवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व में पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन एवं पद्म विभूषण रतन टाटा जी के निधन पर एकदिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है.
'भारत ने एक ऑइकन खो दिया है' राष्ट्रपति ने भी जताई संवेदना
रतन टाटा के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से भी बयान जारी किया गया है. उन्होंने लिखा कि भारत ने एक ऐसे प्रतीक को खो दिया है जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कॉर्पोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया.
राहुल बोले- रतन टाटा ने व्यापार और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भी शोक जताया और लिखा कि रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे. उन्होंने व्यापार और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है. उनके परिवार और टाटा ग्रुप के प्रति मेरी संवेदनाएं.
पीएम मोदी ने जताया शोक, बताया दयालु और एक असाधारण इंसान
रतन टाटा के निधन पर पीएम मोदी ने भी गहरा शोक जताया है. उन्होंने रतन टाटा को एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु और असाधारण इंसान बताया. उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया. साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया.
वर्ली श्मशान घाट में होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार, कोलाबा आवास पर रखा गया पार्थिव शरीर
दिग्गज बिजनेसमैन और उद्योग जगत के टाइटन रतन टाटा की आवाज हमेशा के लिए शांत हो चुकी हैं. उनके निधन ने पूरी दुनिया को गहरा दुख दिया है. पीएम मोदी समेत देश दुनिया के लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. फिलहाल रतन टाटा के पार्थिव शरीर को कोलाबा स्थित उनके घर ले जाया गया है और परिवार के सदस्य भी अस्पताल से चले गए हैं. उनके पार्थिव शरीर को वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा.