HMP वायरस के अब तक 7 केस, मगर ट्रेंड क्यों हो रहा #Lockdown, सरकार क्या कह रही है?
HMPV Update: चीन से आए एक और खतरनाक वायरस HMP के 2 और मामले मिलने के बाद लोगों में डर का माहौल है. हालांकि सरकार लगातार इसको लेकर डर दूर कर रही है, फिर भी आम जनता के ज़हन कोरोना काल का लॉकडाउन डरा रहा है.
HMPV in Nagpur Maharashtra: चीन के बाद भारत में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. मंगलवार को नागपुर में दो और केस मिलने के बाद कुल तादाद बढ़कर 7 हो गई है. पहला मामला सोमवार को बेंगलुरु में पाया गया था. तेजी के साथ बढ़ रही मरीजों की तादाद को देखते हुए एक तरफ जहां हेल्थ मिनिस्ट्री अलर्ट हो गई है, वहीं आम लोगों को एक बार फिर कोरोना का दौर याद आ गया है और डर गए हैं. साथ ही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है.
डरने की जरूरत नहीं: हेल्थ मिनिस्टर
सोमवार को कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में HMPV के मामले दर्ज होने के बाद लोगों में खौफ देखा जा रहा है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने HMPV को लेकर देशवासियों से कहा है,'चिंता की कोई बात नहीं है.' सरकार ने भी आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है, उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी बीमारियों के चलते आने वाले हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि लोग फिर भी इसको लेकर परेशान हैं एक बार फिर लॉकडाउन पर चर्चा शुरू हो गई.
Lockdown होने लगा ट्रेंड
जिस तेजी के साथ केस मिल रहे हैं लोगों को आशंका है कि जिस तरह कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगाया गया था, कहीं उसी तरह के हालात यह वायरस भी ना कर दे. लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसकी जमकर बात कर रहे हैं. लोगों में इसलिए ज्यादा खौफ है क्योंकि HMPV और कोरोना वायरस के बीच काफी समानताएं बताई जा रही हैं. यहां तक कि कई मामलों में HMPV को कोरोना से भी खतरनाक बताया जा रहा है.
भारत में पहले से मौजूद है HMPV
हालांकि डर किसी भी मसले का हल नहीं है. HMPV के खतरों से निपटने के लिए सरकार ने दावा किया है. केंद्रीय मंत्री के अलावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भी कहा है कि 'घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है' और 'HMPV पहले से ही भारत समेत दुनिया भर में मौजूद है.'
जागरूकता बढ़ाने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने देश में सांस से संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और इसके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की स्थिति की समीक्षा की. राज्यों को निवारक उपायों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है. राज्यों को ILI/SARI निगरानी को मजबूत करने और उसकी समीक्षा करने की भी सलाह दी गई है.