`सपा+बसपा+कांग्रेस` गठजोड़ से भिड़ने के लिए अमित शाह ने बनाया `मिशन-80`
2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में अखिलेश यादव की सरकार होने के बावजूद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसी प्लानिंग की थी कि उनकी पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), समाजवादी पार्टी (एसपी) और कांग्रेस के संभावित गठजोड़ की खबरों को लेकर भले ही राजनीतिक विश्लेषक 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर तरह-तरह के गुणा भाग में जुटे हैं, लेकिन बीजेपी इस बार राज्य की सभी 80 सीटें जीतने की प्लानिंग में जुटी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्य में अखिलेश यादव की सरकार होने के बावजूद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ऐसी प्लानिंग की थी कि उनकी पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले लखनऊ में अमित शाह ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक में कहा कि इस बार भले ही मजबूत विपक्ष से सामना करना पड़ सकत है, लेकिन यहां हमें घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि पिछली बार हम विपक्ष में थे, लेकिन इस बार सत्ता में हैं, हम अगर अपनी सरकार के कामों को जनता तक पहुंचाने में सफल रहते हैं तो पिछली बार से भी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
सपा+बसपा+कांग्रेस को चक्रव्यूह में घेरने की तैयारी
बैठक में अमित शाह ने पार्टी नेताओं और योगी सरकार के मंत्रियों से साफ तौर से कहा है कि वह महीने भर बाद फिर से लखनऊ आएंगे. तब तक वे जनता की ओर से आ रही शिकायतों को दूर कर लें. शाह की तैयारी है कि वह सपा+बसपा+कांग्रेस के गठजोड़ को संभलने का मौका ही न दें. उन्हें घेरने के लिए अमित शाह मई में होने वाले लखनऊ दौरे में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मंत्र देंगे. इसके लिए क्षेत्रवार सम्मेलन की योजना बन रही है.
विधानभा चुनाव वाली तरकीब अपना सकते हैं शाह
2017 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने पूरे प्रदेश को छह हिस्सों में बांट दिया था. इसके बाद उन्होंने बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी शाह इसी फॉर्मूले को आजमाने की तैयारी में हैं. बीजेपी की तैयारी है कि चुनाव के दौरान यूपी के हर बूथ पर कम से कम बीजेपी के पांच कार्यकर्ता मौजूद रहें.
आंबेडकर जयंती के बहाने लोगों को पार्टी से जोड़ने की तैयारी
बीजेपी आंबेडकर जयंती के बहाने 14 अप्रैल से पांच मई तक पूरे राज्य में अभियान चलाकर लोगों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेगी. इस अभियान को सफल बनाने की जवाबदेही सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और संगठन पदाधिकारियों को सौंपी गई है. बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने गोरखपुर क्षेत्र में शुक्रवार को बैठक कर इस अभियान की सफलता की भूमिका रची. गोरखपुर उप चुनाव की हार के बाद संगठन और सरकार की नजर वहां पर बनी है.
हर विधानसभा क्षेत्र के 100 कार्यकताओं का चुनाव करेगी बीजेपी
भाजपा विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र के सौ-सौ प्रमुख लोगों की सूची बनाने को कहा गया है. यह योजना है कि अभियान से लेकर रात्रि प्रवासों में इन प्रमुख लोगों को सरकार के मंत्रियों और सांसदों द्वारा महत्व दिया जाए. इनमें कुछ लोगों को संगठन और सरकार में निकट भविष्य में समायोजित भी किया जा सकता है. लोकसभा चुनाव के लिहाज से भाजपा सबको जोड़ने का अभियान चला रही है.
इन अभियान के जरिए जोड़े जाएंगे लोग
14 अप्रैल से बीजेपी सामाजिक समरसता अभियान चलाएगी. इसकी जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री सलिल विश्नोई और मंत्री कामेश्वर सिंह और अमरपाल मौर्य को सौंपी गई है.
18 अप्रैल से स्वच्छ भारत पर्व के लिए उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी और मंत्री कौशलेंद्र सिंह पटेल अभियान चलाएंगे.
20 अप्रैल से बीजेपी उज्ज्वला पंचायत अभियान चलाएगी. इसके जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया और उपाध्यक्ष रंजना उपाध्याय, नीलिमा कटियार और अंजुला माहौल को दी गई है.
बीजेपी 24 अप्रैल से पंचायती राज दिवस मनाएगी. इसके अलावा 28 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच ग्राम स्वराज, शक्ति अभियान और आयुष्मान भारत अभियान चलाएगी. किसानों को पार्टी से जोड़ने के लिए बीजेपी दो से पांच मई तक किसान कल्याण कार्यशाला आजीविका एवं कौशल विकास मेला का आयोजन करेगी.