नई दिल्‍ली: आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान मार्च के पहले हफ्ते में सकता है. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है कि 28 फरवरी तक सभी ट्रांसफर कर लें. उसके बाद किसी भी स्‍तर पर ट्रांसफर नहीं होंगे. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने संबंधित रिपोर्ट भी मांगी है. यानी कि केंद्र सरकार के पास सक्रिय रूप से काम करने के लिए केवल एक महीने बचा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मतदान अवश्‍य करें युवा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 21वीं सदी में जन्में युवा देश में निर्णय प्रक्रिया के हिस्सेदार बनने जा रहे हैं क्योंकि उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में, पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन युवाओं को ख़ुद के सपने देश के सपनों के साथ जोड़ने के लिये मतदान अवश्य करना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ इस साल हमारे देश में लोकसभा के चुनाव होंगे. यह पहला अवसर होगा जब 21वीं सदी में जन्‍में युवा लोकसभा चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. उनके लिए देश की ज़िम्मेदारी अपने कन्धों पर लेने का अवसर आ गया है.’’


मोदी ने कहा कि अब वे (युवा) देश में निर्णय प्रक्रिया के हिस्सेदार बनने जा रहे हैं. ख़ुद के सपनों को, देश के सपनों के साथ जोड़ने का समय आ चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं युवा-पीढ़ी से आग्रह करता हूं कि अगर वे मतदान करने के लिए पात्र हैं तो मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं. हममें से प्रत्येक को अहसास होना चाहिए कि देश में मतदाता बनना, मत के अधिकार को प्राप्त करना, वो जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक महत्वपूर्ण पड़ाव है. साथ-साथ मतदान करना ये मेरा कर्त्तव्य है - ये भाव हमारे भीतर पनपना चाहिये.’’


प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ और उस दिन देश गणतंत्र बना और हमने आन-बान-शान के साथ गणतंत्र दिवस भी मनाया. उन्होंने चुनाव आयोग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत में जिस स्तर पर चुनाव का आयोजन होता है उसे देखकर दुनिया के लोगों को आश्चर्य होता है और हमारा चुनाव आयोग जिस बखूबी से इसका आयोजन करता है इसे देखकर प्रत्येक देशवासी को चुनाव आयोग पर गर्व होना स्वाभाविक है. हमारे देश में यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है कि भारत का प्रत्येक नागरिक, जो एक पंजीकृत मतदाता है- उसे मतदान करने का अवसर मिले.


उन्होंने कहा कि जब हम सुनते हैं कि हिमाचल प्रदेश में समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी मतदान केंद्र स्थापित किया जाता है, तो अंडमान और निकोबार के द्वीप समूह में दूर-दराज के द्वीपों में भी वोटिंग की व्यवस्था की जाती है. वहीं गुजरात में गिर के जंगल में, एक सुदूर क्षेत्र में, एक पोलिंग बूथ, जहां सिर्फ केवल 1 मतदाता है..उनके लिये भी मतदान की व्यवस्था आयोग करता है.


(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)