Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी दलों ने अभी से कमर कस ली है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता समय-समय पर रैली और चुनावी सभा करते देखे जा सकते है. वहीं ईसाइयों के त्योहार ईस्टर पर भी लोकसभा चुनाव के रंग में दिखाई दिया. केरल में ईस्टर धूम-धाम से मनाया जाता है. केरल में ही भाजपा के वरिष्ठ नेता रविवार को ईस्टर के मौके पर प्रभावशाली बिशप के घर पहुंचे तो इसे सियासी कदम के तौर पर देखा जाने लगा.


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भाजपा नेता के बिशप के आवास पर जाने के कदम को 2024 के आम चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है. आम चुनाव से पहले भाजपा को अल्पसंख्यक समुदायों को अपने पाले में लाने की कोशिश की रणनीति के तहत ईसाई समुदाय तक पहुंच बनाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं, राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा नेताओं के बिशप के आवास पर जाने को ‘मजाक’ करार देते हुए कहा कि यह भगवा पार्टी के ‘दोहरे मापदंड’ को दिखाता है.


विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने त्रिवेंद्रम लैटिन कैथोलिक आर्चडायोसिस के आर्चबिशप थॉमस जे नेट्टो से मुलाकात की जबकि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पी के कृष्ण दास ने तलश्शेरी के आर्चबिशप मार जोसफ पाम्प्लानी से राज्य के कुन्नूर जिले में मुलाकात की.


मुरलीधरन ने मुलाकात के बाद ट्वीट किया है, ‘‘ईस्टर संडे के पवित्र अवसर पर चर्चा लाभदायक रही. त्रिवेंद्रम के लैटिन आर्चडायोसिस से मुलाकात की. परम आदरणीय डॉ. थॉमस जे नेट्टो से मिलकर अभिभूत हूं और उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं.’’


हालांकि, दोनों भाजपा नेताओं ने इन मुलाकातों के पीछे राजनीतिक मंशा होने से इनकार किया और कहा कि यह केवल त्योहार के मौके पर सामान्य मुलाकात थी. बिशप नेट्टो से मिलने के बाद मुरलीधरन ने कहा, ‘‘यह ईस्टर के मौके पर की गई मित्रवत मुलाकात थी.’’ कृष्णदास ने भी कन्नूर में पम्प्लानी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह केवल शुभकामनाएं देने गए थे.


भाजपा नेता एपी अब्दुलकुट्टी ने दावा किया कि यह राष्ट्रीय स्तर के अभियान ‘स्नेह यात्रा’ का हिस्सा है जिसका मकसद अल्पसंख्यक समुदायों के दिल और दिमाग में स्थान बनाना है. उन्होंने कहा, ‘‘यह वोट के लिए यात्रा नहीं है. यह उनके करीब, उनके दिल और दिमाग तक जाने के लिए है. इसका उद्देश्य यह भी बताना है कि यह पार्टी अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नहीं है.’’


वहीं, दूसरी ओर केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा कि केरल के भाजपा नेता ईसाई समुदाय विरोधी रुख और अल्पसंख्यकों पर किए गए अत्याचार को छिपाने के मकसद से ईस्टर के मौके पर बिशप के घर जा रहे हैं.


सतीशन ने दावा किया कि कर्नाटक के भाजपा मंत्री ने हाल में ईसाई समुदाय के खिलाफ बयान दिया और उसी तरह का रुख भगवा पार्टी ने देश के अन्य हिस्सों में समुदाय के खिलाफ दिखाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि गत चार साल में देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 600 गिरिजाघरों पर हमला किया गया और यहां तक ईसाई प्रार्थना को बाधित किया गया.


उल्लेखनीय है कि शनिवार को केरल प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष के सुधाकरण ने भाजपा की ईस्टर के मौके पर ईसाई परिवारों से मिलने की योजना को ‘धृष्टराष्ट्र अलिंगन’ करार दिया था. महाभारत के आख्यान के मुताबिक युद्ध संपन्न होने के बाद अपने वंश के नाश से व्यथित कुरु नरेश धृतराष्ट्र ने पांडव पुत्र भीम को गले लगाने की इच्छा जाहिर की थी. हालांकि, कृष्ण ने भीम की जगह लोहे की मूर्ति आगे कर दी जिसे धृतराष्ट्र ने इतना दबाया कि प्रतिमा चूर-चूर हो गई.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)