Love Jihad Bill: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर लव जिहाद पर सख्त कदम उठाया है. योगी सरकार ने यूपी विधानसभा में 'लव जिहाद' बिल पेश किया है. जिसमें दोषी के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. विधानसभा में योगी सरकार की ओर से यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2024 पेश किया गया. विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी इस कानून के तहत अपराध के दायरे में लाया गया है.


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लव जिहाद पर योगी सरकार सख्त


बता दें कि यूपी में हिंदू लड़कियों को प्यार के बहाने धर्मांतरित करने के कथित अभियान को रोकने के लिए योगी सरकार सख्ती अख्तियार किए हुए है. इससे पहले बनाए गए लव जिहाद कानून में लड़की का धर्म बदलने के उद्देश्य से की गई शादी को अमान्य घोषित करने का प्रस्ताव था. साथ ही दोषी को 10 साल तक की जेल की सजा का भी प्रस्ताव था. जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 1-5 साल की जेल और 15,000 रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव था.


यूपी में 'लव जिहाद' विरोधी कानून में बड़ा बदलाव


अब योगी सरकार ने 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून को और सख्त बना दिया है. अब इस अपराध में आजीवन कारावास और जुर्माना तक की सजा हो सकती है. धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग करना भी अब अपराध होगा. चाहे वो घरेलू स्तर पर हो या विदेशी फंडिंग से हो. अगर किसी को धर्म बदलने के लिए डराया-धमकाया गया है या झूठे वादे किए गए हैं तो भी दोषी को सख्त सजा होगी.


सूचना देने की आजादी: अब कोई भी व्यक्ति इस तरह के अपराध की जानकारी पुलिस को दे सकता है.


जमानत नहीं: इन मामलों में जमानत मिलना मुश्किल होगा और इनकी सुनवाई सेशन कोर्ट में होगी.


क्यों किया गया ये बदलाव?


सरकार का कहना है कि ये कानून महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है. कुछ लोगों का मानना है कि ये कानून धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है और दो लोगों के आपसी रिश्ते में सरकार का हस्तक्षेप है. अब इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलनी बाकी है. इसके बाद ये कानून बन जाएगा.


मुख्य बातें:


सख्त सजा: आजीवन कारावास तक
नए अपराध: फंडिंग, धमकी देना
सूचना: कोई भी व्यक्ति दे सकता है
जमानत: मुश्किल
सुनवाई: सेशन कोर्ट में


यह कानून क्यों महत्वपूर्ण है?


यह कानून धर्म परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर एक बड़ी बहस को जन्म दे सकता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कानून का समाज पर क्या असर पड़ता है.


'लव जिहाद' के आरोपों का इतिहास


यह अवधारणा भारत में 2009 में राष्ट्रीय ध्यान में आई, जब पहले केरल और उसके बाद कर्नाटक में कथित धर्मांतरण हुए. इसके बाद पूरे भारत और म्यांमार, पाकिस्तान और यूनाइटेड किंगडम में भी इसके दावे फैल गए. आधुनिक लव जिहाद की साजिश की जड़ें औपनिवेशिक भारत में हैं. 1924 में, कानपुर में एक मुस्लिम नौकरशाह पर "अपहरण और हत्या" का आरोप लगाया गया था.