नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने भारत के अगले सेनाध्यक्ष होंगे. लेफ्टिनेंट जनरल नरावने अभी उप सेनाध्यक्ष हैं. वे 31 दिसंबर को जनरल बिपिन रावत से सेना की कमान लेंगे. जनरल नरावने 20 साल में सिख लाइट इंफेंट्री के तीसरे सेनाध्यक्ष होंगे. इससे पहले जनरल वेद प्रकाश मलिक और जनरल बिक्रम सिंह इसी रेजीमेंट से सेनाध्यक्ष बन चुके हैं. 


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अब इंतजार भारत के पहले CDS यानि Chief of Defense Staff पद की घोषणा का है. प्रधानमंत्री ने इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर CDS बनाने की घोषणा की थी. कारगिल युद्ध के बाद बेहतर तालमेल के लिए तीनों सेनाओं का एक सम्मिलित प्रमुख बनाने की सिफारिश की गई थी.इस संबंध में बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.


अभी जनरल बिपिन रावत को भारत के पहले CDS के लिए सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है. संभावना है कि सरकार इसी सप्ताह इसकी घोषणा भी कर सकती है.


लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने के बारे में 5 बातें जानें-:
1. लेफ्टिनेंट जनरल नरवाना सेना को पूर्वी कमान की कमान संभालने का अनुभव है, जो भारत की चीन के साथ लगभग 4,000 किलोमीटर की सीमा की देखभाल करती है.


2. जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी माहौल के बीच अपनी 37 वर्षों की सेवा में लेफ्टिनेंट जनरल नरावने ने शांति, क्षेत्र और अत्यधिक सक्रियता में कई कमांड नियुक्तियों में काम किया है. 


3. मनोज मुकुंद नरावने ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैन्ट्री बिग्रेड की कमान भी संभाली है. 


4. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद वह श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स का भी हिस्सा थे और तीन साल तक उन्होनें म्यांमार में भारतीय दूतावास में भारत के रक्षा प्रशिक्षक के रूप में काम किया था.


5. जनरल मनोज मुकुंद को जम्मू कश्मीर में अपनी बटालियन की कमान प्रभावी तरीके से संभालने को लेकर सेना पदक मिल चुका है. उन्हें नगालैंड में असम राइफल्स (उत्तरी) के महानिरीक्षक के तौर पर उल्लेखनीय सेवा को लेकर 'विशिष्ट सेवा पदक' तथा प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान संभालने को लेकर 'अतिविशिष्ट सेवा पदक' से भी नवाजा जा चुका है. उन्हें 'परम विशिष्ट सेवा पदक' से भी सम्मानित किया गया है.


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